मंगलवार, 16 नवंबर 2021

न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी ! ऐसा क्यों ?

ऐसा भी हो सकता है कि पेमेंट को ले कर मामला फंस गया हो ! वहां ग्रामीण भाई कुछ नगद और कुछ राशन वगैरह दे कर आयोजन करवाना चाहते हों, पर राधा के सचिव ने पूरा कैश लेना चाहा हो ! बात बनते ना देख उसने इतने तेल की डिमांड रख दी हो, जो पूरे गांव के भी बस की बात ना हो ! वैसे किस तेल की फर्माईश की गई थी, इसका भी पता नहीं चल पाया है......!

#हिन्दी_ब्लागिंग 

कुछ अजीब सा नहीं लगता ! नाच और तेल का आपस में क्या संबंध ! फिर यह कैसी शर्त ! नौ मन तेल तो नहीं, पर दिमाग का तेल निकालने के बाद कुछ ऐसा समझ में आया कि हो सकता है कि ये राधा जी कोई बड़ी जानी-मानी डांसिंग स्टार होंगी और किसी अप्रख्यात जगह से उन्हें बुलावा आया होगा। शायद उस जगह अभी तक बिजली नहीं पहुंची हो और वहां सारा कार्यक्रम मशाल वगैरह की रोशनी में संम्पन्न होना हो। इस बात का पता राधा एण्ड पार्टी को वेन्यू पहुंच कर लगा हो और अपनी प्रतिष्ठा के अनुकूल किसी चीज ना पा कर आर्टिस्टों का मूड उखड़ गया हो ! किसी भी तरह के बखेड़े से बचने के लिए ऐसी शर्त रख दी गई हो, जिसे तत्काल पूरा कर पाना गांव वालों के बस की बात ना हो ! पर फिर यह सवाल उठता है कि नौ मन तेल ही क्यूं ? राउंड फिगर में दस या पंद्रह मन क्यों नहीं ? तो हो सकता है कि यह आंकड़ा काफी दर-मोलाई के बाद फिक्स हुआ हो !

ऐसा भी हो सकता है कि पेमेंट को ले कर मामला फंस गया हो। वहां ग्रामीण भाई कुछ नगद और कुछ राशन वगैरह दे कर आयोजन करवाना चाहते हों पर राधा के सचिव वगैरह ने पूरा कैश लेना चाहा हो। बात बनते ना देख उसने इतने तेल की डिमांड रख दी हो, जो पूरे गांव के भी बस की बात ना हो !

ऐसे में मुहावरे का लब्बो-लुआब यही निकलता है कि एक ख्यातनाम ड़ांसिंग स्टार अपने आरकेस्ट्रा के साथ किसी छोटे से गांव में अपना प्रोग्राम देने पहुंचीं। उन दिनों मैनेजमेंट गुरु जैसी कोई चीज तो होती नहीं थी सो गांव वालों ने अपने हिसाब से प्रबंध कर लिया था और यह व्यवस्था "राधा एण्ड कंपनी" को रास नहीं आई। पर उन लोगों ने गांव वालों को डायरेक्ट मना करने की बजाय अपनी एण्ड-बैण्ड शर्त रख दी होगी। जो उस हालात और वहां के लोगों के लिये पूरा करना नामुमकिन होगा। इस तरह वे जनता के आक्रोश और अपनी बदनामी दोनों से बचने में सफल हो गए होंगे।

वैसे किस तेल की फर्माईश की गई थी, इसका भी पता नहीं चल पाया है ! पर इस घटना के बाद इस तरह के समारोह करवाने वाले अन्य व्यवस्थाओं के साथ-साथ नौ-दस मन तेल का भी इंतजाम कर रखने लग गए होंगे ! क्योंकि फिर कभी राधा जी और तेल के नए आंकड़ों की खबर सुनने में नहीं आई है !
इस बारे में नई जानकारियों का स्वागत है ! 

12 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (17-11-2021) को चर्चा मंच        "मौसम के हैं ढंग निराले"    (चर्चा अंक-4251)     पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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 हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   
'मयंक'

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

शास्त्री जी
बहुत बहुत आभार

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर

Kadam Sharma ने कहा…

बिल्कुल अलग सी सोच

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

बहुत ही सुंदर,सराहनीय ।

Onkar ने कहा…

बहुत सुंदर

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सुशील जी
हार्दिक आभार

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कदम जी
शुक्रिया

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

जिज्ञासा जी
बहुत बहुत धन्यवाद

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सदा स्वागत है आपका, ओंकार जी

Manisha Goswami ने कहा…

जितना आनंद राधा का डांस देखकर न आता उससे अधिक आप का लेख पढ़ कर आ गया!😀😀 मनमोहक प्रस्तुति

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

मनीषा जी
बहुत बहुत आभार
🙏

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