

इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
हमारे देश की मिटटी के कण-कण में धार्मिकता व्याप्त है ! जल-थल-पवन-गगन सभी जगहों पर देवत्व की रहस्यमय पर अलौकिक उपस्थिति महसूस की जाती है ! ऐस...
6 टिप्पणियां:
सुंदर चित्र के माध्यम से सारा वृत्तांत कह दिया॥
वाह शर्मा जी मजा आ गया सारे चित्र देख कर, लगता हे आप के बच्चो ने चित्र डाले हे, तभी तो रोमन मे लिखा हे, जरुर बतलाये:)
लगता है हिन्दी वाला साफ़्टवेयर जवाब दे गया।
फ़ोटो चंगी है जी, शुभकामनाएं।
राज जी,
फोटो तो खुद ही ड़ाली हैं। यही तो गड्ड़-मड़्ड़ हो रहा था पिछली पोस्ट में। लिखता कहीं हूं, चिपकाता कहीं हूं, छापता कहीं हूं तो कभी-कभी कमप्यूटर बाबू नाराज हो जाते हैं। "हिंदी कलम" पर लिखता हूं तो दो दिन से वह भी नखरीली हो गयी है। ऊपर से मुझ जैसा "एक्सपर्ट"।
सारा ताम-झाम खुद ही करता हूं। गल्तियां होती हैं पर सीखने को भी मिल जाता है। सिर्फ ब्लाग बनाते समय छोटे बेटे की सहायता ली थी, उसके बाद तो कारवां चल निकला। एक कमी जरूर है कि जब तक सिर पर नहीं पड़ती उसी लीक को पीटता रहता हूं। समय कम रहता है सो जो कुछ बन पाता है उसे तुरंत धकेलने की पड़ी रहती है। इसी कारणवश बहुदा टिपियाने में भी कंजूसी करनी पड़ती है ना चाह कर भी।
गजब बिल्कुल मेरी यात्रा जैसे ही फ़ोटू है,
sundar chitr.
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