सोमवार, 9 मई 2011

काम पर आने के पहले ध्यान और दिमाग घर पर क्यों छोड़ आए मेरे भाई

इन्हें देखिए और बताइये कि जब यह सब बन रहा था तो बनाने वाले का ध्यान कहां था :-)








6 टिप्‍पणियां:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

सच में कुछ अलग सा ...

विवेक रस्तोगी ने कहा…

एक से बढ़कर एक... दिमाग साथ में लाते तो बात ही क्या थी

राज भाटिय़ा ने कहा…

पागल हर देश मे मिलते हे:)लेकिन इतने सारे जरुर यह सब रिश्ते मै भाई होंगे

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

एक से बढ़कर एक...

अन्तर सोहिल ने कहा…

कहाँ से इकट्ठे किये जी :)
मजा आ गया

प्रणाम

Chetan Sharma ने कहा…

Gajab, waise paint karane ka tarika behatareen hai

विशिष्ट पोस्ट

भइया ! अतिथि आने वाले हैं

इन्हें बदपरहेजी से सख्त नफरत है। दुनिया के किसी भी कोने में इन्हें अपनी शर्तों का उल्लंघन होते दिखता है तो ये अपने को रोक नहीं पाते और वहां ...