कीरो, विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ता तथा हस्तरेखाविद्। जिसके मानने वालों में रानी विक्टोरिया, एडवर्ड़ सप्तम, लार्ड किचनर जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल थे, ने अपनी पुस्तक में अपनी भारत यात्रा के दौरान की एक हैरतगेंज घटना का जिक्र किया है। उसी के अनुसार :-
भारत में मुझे अनेकों बार अलौकिक चमत्कारों को देखने का अवसर प्राप्त हुआ था। यहां का आध्यात्म, योग, भगवान के प्रति आस्था, तंत्र-मंत्र सदा मुझे आकर्षित करते रहे। ऐसे ही एक मंत्र के प्रयोग को देखने का मुझे अवसर मिला, जिसने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए थे।
एक बार किसी गांव में एक चीते का आतंक फैल गया था। उसने सैंकड़ों मवेशी तथा मनुष्य उदरस्त कर ड़ाले थे। गांव वाले उसके ड़र से अपने घर छोड़ अनयत्र जा कर रहने लगे थे। किसी भी तरह काबू ना आने वाले इस भयंकर पशू को मंत्रों से वश में किया गया था। उसके लिए घने जंगल में एक पुराने मंदिर में बारह ब्राह्मणों ने मिल कर एक अनुष्ठान का आयोजन किया। वे सब एक गोले में बैठ कर एक दुसरे की उंगलियों को आपस में छुआए धीमे स्वर में एक सुर व ताल में मंत्र जाप कर रहे थे। धीरे-धीरे उनके मंत्रजाप की ध्वनी तीव्र होती जा रही थी। मैं सोच रहा था कि इससे ना जाने क्या होने वाला है? पर थोड़ी ही देर में मुझे इसका जवाब मिल गया जब कुछ दूर किसी जगली पशू के रोने की सी आवाज सुनाई दी। ब्राह्मणों का मंत्रोचार अपने चरम पर पहुंच चुका था। तभी अचानक मंदिर के दरवाजे पर एक विशाल पशू की छाया नजर आई। धीरे-धीरे आकृति साफ नज़र आने लगी वह एक विशालकाय, भयंकर, क्रूर चीता था जो चांद की रोशनी में मंदिर के आहाते में प्रवेश कर चुका था। अब वह बिना हिले-ड़ुले वहां खड़ा था सिर्फ उसकी पूंछ गुस्से में धीरे-धीरे हिल रही थी। वहां जमा ग्रामिण भय के मारे एक दूसरे से चिपक गये थे। मंत्रोच्चार अपने चरम पर था। तभी चमत्कार हो गया। चीते की क्रोध से चमकती आंखें धीरे-धीरे बंद होने लगीं। उसका सिर निढाल सा हो एक तरफ झुकने लगा और कुछ ही देर में वह विशालकाय पशू जमीन पर एक तरफ लुढक गया।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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10 टिप्पणियां:
अब इसके विषय में कीरो ही बता सकता है।
आभार
रोचक प्रस्तुति ..... अब क्या ऐसा संभव है ? आभार
मंत्रो में ध्वनि की शक्ति का प्रयोग होता है
मंत्रो के विषय में अच्छी जानकारी दी आपने ... बदिया लगा. आभार
अच्छी प्रस्तुति।
मंत्र में अद्भुत प्रभाव होता है।
दिलचस्प!
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत सुन्दर रचना...
रक्षाबंधन पर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाये.....
रक्षाबन्धन के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवम् शुभकामनाएँ
हम यह तो मान लेते हैं कि संगीत के सुरों में इतनी शक्ति है कि वह जानवरों तक को सम्मोहित कर सकता है पर जब मेंत्रों की बात आती है तो अगल-बगल देखने लगते हैं कि कोई हमें अंधविश्वासी ना कह दे !!!
bat to sahi nhe but hum mantra shakti ko zutla nhi sakte....or matroka use genrl life me krna bhi nhi chahiye ..1 aisa mantra jo aapko sukh ki parmanand ki prapti kara de usko swikarna jaruri he.... or jankari ke liye
9689449345
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