शुक्रवार, 21 अगस्त 2009

संसार की सबसे छोटी कहानियों में से एक

संसार की सबसे छोटी कहानी, 'ओ हेनरी' की इस कहानी में वह सब कुछ है जो एक उम्दा कहानी में होना चाहिये :-
ट्रेन के प्रथम दर्जे के डिब्बे में दो यात्री सफर कर रहे थे। एक अखबार पढ रहा था दूसरा खिड़की के बाहर के पीछे भागते दृष्यों को देख रहा था। तभी दूसरे ने अखबार वाले से पूछा, क्या आप भूतों में विश्वास करते हैं? नहीं। पहले ने जवाब दिया। अगले क्षण पहले ने अखबार हटा सामने देखा तो वहां कोई नहीं था।

'ओ हेनरी'

13 टिप्‍पणियां:

अनिल कान्त ने कहा…

सचमुच ये तो सबसे छोटी है

समयचक्र ने कहा…

वाह ये तो माइक्रो कहानी लगी ...आभार

जितेन्द़ भगत ने कहा…

कहॉं से ढूँढ लाते हैं आप ये सब। मजेदार और रोचक कहानी।

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

एक था राजा एक थी रानी, दोनों मर गए खत्म कहानी

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

भई वाह!
आपकी खोज का भी जवाब नही।
बधाई।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

हां यह संपुर्ण कहानी कहलाती है. बहुत धन्यवाद.

रामराम.

आशीष खंडेलवाल ने कहा…

हां यह कोर्स की किताबों मे भी शायद पढाई जाती थी.

Unknown ने कहा…

कहानी अच्छी है लेकिन संसार की सबसे छोटी कहानी

ये नहीं है ।

इस से बहुत छोटी कहानियां भी हैं ।


जय हिन्द !

Mithilesh dubey ने कहा…

छोटी मगर अच्छी रचना।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

सिर्फ दो लाईनों में ही सब कुछ डाला!!
बढिया!!

M VERMA ने कहा…

बहुत खूब

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

अलबेला जी,
कृपया फिर से शिर्षक देखें।

बेनामी ने कहा…

Ati sundar.
वैज्ञानिक दृ‍ष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।

विशिष्ट पोस्ट

विडंबना या समय का फेर

भइया जी एक अउर गजबे का बात निमाई, जो बंगाली है और आप पाटी में है, ऊ बोल रहा था कि किसी को हराने, अलोकप्रिय करने या अप्रभावी करने का बहुत सा ...