शनिवार, 24 जुलाई 2010

सोने की चिड़िया होने में इसका भी हाथ था.

मेगास्थनिज ने उस काल में यहां विदेशियों की सुरक्षा और उनकी देखभाल के लिये राजा और राज्य के निवासियों की भी बहुत तारीफ की है



भारत यूं ही सोने की चिड़िया नहीं कहलाता था। उस समय राज्य की तरफ से कामगारों को पूरी सुरक्षा तथा उनकी मेहनत का पूरा मुआवजा दिया जाता था। खासकर किसानों को हारी-बिमारी या प्राकृतिक आपदा में भी राजा से पूरा संरक्षण प्राप्त होता था। आखिरकार भूख से लड़ने में वही तो अहम भुमिका अदा करते थे। पेट भरा हो तभी हर काम सुचारू रूप से हो पाता है।

मेगास्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में यूनानी नरेश सिल्यूकस का राज दूत था। उसने भारत भ्रमण कर यहां के बारे में बहुत सारी जानकारी को लिपिबद्ध किया था। उसने पाया था कि चंद्रगुप्त के समय में चोरियां ना के बराबर होती थीं। किसानों और पूरे खतिहर वर्ग को बहुत सम्मान प्राप्त था। एक तरह से इस काम को पवित्र और पूजनीय माना जाता था। उसने आश्चर्य व्यक्त करते हुए लिखा है कि जहां दूसरे देशों में युद्ध के समय खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया जाता था, खलिहानों में आग लगा दी जाती थी जिससे सेना को रसद ना मिल पाए, वहीं भारत में किसानों को युद्ध से जैसे कोई मतलब ही नहीं होता था। युद्धभूमि से कुछ दूरी पर भी किसान अपना कार्य यथावत करते रहते थे। इसीसे रसद की अबाध उपलब्धि सेना और नागरिकों को प्राप्त होती रहती थी। जिससे आपात काल में भी कोई काम ठप नहीं हो पाता था।

मेगास्थनिज ने उस काल में यहां विदेशियों की सुरक्षा और उनकी देखभाल के लिये राजा और राज्य के निवासियों की भी बहुत तारीफ की है।

6 टिप्‍पणियां:

P.N. Subramanian ने कहा…

इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार.

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी।

राज भाटिय़ा ने कहा…

शर्मा जी आप ने बिलकुल सही कहा, भारत के यही हाल थे उस समय युही नही इसे सोने कि चिडा कहा जाता,जब लोगो को पेट भरा होगा तो चोरिया भी नही होती, भारत मै आज भी किसी चीज की कमी नही, आज भी भारत वो देश है जहां सब कुछ मिलता है.... लेकिन आज हम अग्रेजो की देन के गुलाम हो गये है, ओर बस पैसा पैसा ही हमे दिखता है ओर उसे किसी भी कीमत पर कुछ भी दे कर कमाया जाये, चोर उच्चके भी गरीबी के कारण या ऎश करने के लिये बनते है, युरोप के बहुत से देशो मै लोगो को भरपेट खाना मिलता है रहने के लिये घर मिलता है इस लिये यहां चोरिया बहुत ही कम होती है... काश आज हम फ़िर से मिल कर भारत को सोने की चिडिया बनाये.
आप का लेख बहुत अच्छा लगा. धन्यवद

बेनामी ने कहा…

nice information... thanks for d sharing.....

mere blog par bhi sawagat hai...
Banned Area News : Russian citizens to become freelance policemen

बेनामी ने कहा…

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बेनामी ने कहा…
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