भृंगराज और बाघ का जंगल में छत्तीस का आंकड़ा है। पता नहीं बाघ के शिकार पर इसे इतना एतराज क्यों होता है, जिसके कारण कई बार बाघ को अपनी भूख मिटाना दुश्वार हो जाता है !
कहां जंगल का अधिपति बाघ और कहां एक छोटा सा पक्षी। किसी भी तरह का कोई मेल नहीं। पर यह सच है कि जंगल में बाघ को एक चिड़िया सदा परेशान करती रहती है। इसका नाम है भृंगराज। इससे बाघ ही नहीं शेर, चीते, तेंदुए वगैरह मांसभक्षी जानवर बहुत परेशान रहते हैं। परेशानी की तो बात ही है जब भी ये भाईलोग अपने शिकार पर निकलते हैं तभी यह महाशय उनके साथ-साथ या आगे-आगे शोर मचाते चलने लगते हैं, जिससे हिरण, नीलगाय वगैरह समझ जाते हैं कि उनका शिकारी आसपास है और वे चौकन्ने हो जाते हैं। इसकी इसी खूबी के कारण देश के कई हिस्सों में इसे कोतवाल, यानि पहरेदार, कह कर भी जाना जाता है।
भृंगराज गहरे नीले-काले रंग का एक कलगी धारी सुंदर पक्षी है। इसकी आवाज भी बहुत मधुर होती है। पता नहीं इसे बाघ से इतनी चिढ क्यूं है। बेचारा बाघ जब भी अपने भोजन की तलाश में शिकार करने निकलता है भृंगराज उसके आने की सूचना प्रसारित कर उसके शिकारों को भगा देता है, और बाघ जैसा शक्तिशाली जानवर भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाता क्योंकि वह सदा सुरक्षित दूरी पर रह कर ही अपने काम को अंजाम देता है।
प्रकृति का अजब खेल है कि जंगल में जहां बहुतेरे पशू-पक्षी एक दूसरे पर निर्भर करते हैं या एक दूसरे के काम आते हैं वहीं बाघ और भृंगराज का आपस में छत्तीस का आंकड़ा है।
13 टिप्पणियां:
"प्रभु की माया निराली है"
शायद भृंगराज को ही देशी भाषा में "काकड" कहा जाता है!
प्रणाम
मैं भी जंगल में अकेले निकलते समय भृंगराज के भरोसे रहता हूं।
बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने, धन्यवाद
भृंगराज बाघ के लिए नापसन्दी लाल है .......हा हा हा
ये तो हमें पहली बार ही पता चला इसके पहले कभी सुना ही नहीं था, ज्ञानवर्धन के लिये धन्यवाद !!
भैय्या कहीं से ढून्ढ ढांड कर भृंगराज का चित्र भी लगा देते तो समझने में आसानी होती. अब यह काम हमें ही करना होगा. सुन्दर जानकारी. आभार.
इस जानकारी के लिए शुक्रिया,
बस इक फोटो की कमी रह गई है
हमारे लिए तो ये बिल्कुल नई जानकारी रही....रोचक्!
बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने, धन्यवाद
जानकारी के लिए शुक्रिया
मेरे लिये यह एक नई जानकारी है। धन्यवाद!
aapki di gyi nyi jaankaari me yaad bhi rkhungaa or logon ko btaaungaa bhi kyaa men ise khud bhi khin istemaal kr sktaa hun yeh aapkaa kopi right to nhin, akhtar khan akela kota rajsthan
अख्तर भाई,
यह कोई ऐसी चीज तो है नहीं जो मैंने ईजाद की हो। यह तो एक सच्चाई है। इस पर कैसा अधिकार। ऐसी बातों को तो जितने लोग जाने अच्छा ही है।
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