दुकान में ग्राहक आते हैं, अपनी पसंद की मिठाई लेते हैं, डिब्बे पर लिखी सारी जानकारी पढ़ते हैं और पास पड़े डिब्बे में उसकी कीमत डाल देते हैं। ग्राहकों की सहूलियत के लिए पास ही अलग-अलग मूल्यवर्ग के नोट भी रखे रहते हैं जिससे मिठाई की उचित कीमत अदा की जा सके। क्यू आर कोड से भी भुगतान की सुविधा है ! इसके अलावा जिनके पास पैसे नहीं हैं, वे भी मिठाई ले जा सकते हैं, इस विश्वास के साथ कि जब भी संभव होगा, वे उधार चुकता कर देंगे...........!
#हिन्दी_ब्लागिंग
आज के दौर में, जहां भाई-भाई का विश्वास नहीं करता ! धन-दौलत के लालच पिता-पुत्र में ठन जाती हो ! छोटी-छोटी बातों पर संदेह किया जाता हो ! आस्था-विश्वास-भाईचारा-इंसानियत किसी बीते युग की बातें लगती हों ! वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी ईश्वर पर अटूट आस्था है। जिनका विश्वास है कि भले ही दिखते ना हों पर भगवान सदा हमारे साथ रहते हैं !
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लड्डू गोपाल जी |
जबलपुर के नेपियर टाउन में रहने वाले ऐसे ही एक प्रभु भक्त हैं, विजय पांडे जी। उनका मिठाई का कारोबार है। उनकी बचपन से ही श्री कृष्ण जी के बालरूप लड्डू गोपाल में गहरी आस्था व श्रद्धा है। चौबीस घंटे खुली रहने वाली उनकी दुकान 2014 से मंदिरों और पूजास्थलों के साथ-साथ श्रद्धालुओं की मांग पूरी करती आ रही है। पर उस दूकान में ना हीं कोई मालिक है, ना हीं कोई विक्रेता है, ना हीं कोई कैशियर है, ना हीं कोई सुरक्षा कर्मी ! यह दुकान पूरी तरह से विश्वास और ईमानदारी
पर टिकी हुई है और पूरी तरह
से भगवान के भरोसे चल रही है। यहां आने वाला हर ग्राहक अपनी जरूरत के
अनुसार मिठाई उठाता है और पूरी ईमानदारी से पैसे रखकर चला जाता है।
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विजय पांडे जी |
ऐसा ख्याल कैसे आया, इस बारे में विजय जी बताते हैं कि एक दिन उनकी
दुकान पर एक व्यक्ति आया, जो अपनी बेटी के जन्म-दिन पर मिठाई लेना चाहता था पर उसके पास पैसे
नहीं थे, पर संकोचवश वह बोल नहीं पा रहा था ! विजय जी ने उसकी मजबूरी समझी और बिना झिझक उसे मिठाई दे दी और कहा कि जब
संभव हो, वह पैसे दे जाए ! इसी घटना के बाद उन्होंने सोचा कि मजबूरी के संकोच के कारण कोई भी इंसान से कुछ माँगने पर झिझकेगा परंतु ईश्वर से नहीं ! आज यदि यहां मेरी जगह दुकान पर खुद लड्डू गोपाल बैठे होते, तो यह आदमी इतना संकोच नहीं करता ! बस, उसी समय से उन्होंने पूरी दुकान प्रभु को सौंप दी, उन्हें ही मालिक बना दिया ! इसीलिए इस दुकान में प्रवेश करते ही सर्वप्रथम लड्डू गोपाल जी के दर्शन होते हैं।
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लड्डू गोपाल जी का कैश काउंटर |
ने पियर टाउन के शास्त्री ब्रिज के पास स्थित इस दुकान में ग्राहक आते हैं, अपनी पसंद की मिठाई लेते हैं, डिब्बे पर लिखी सारी जानकारी पढ़ते हैं और पास पड़े डिब्बे में उसकी कीमत डाल देते हैं। ग्राहकों की सहूलियत के लिए पास ही अलग-अलग मूल्यवर्ग के नोट भी रखे रहते हैं जिससे मिठाई की उचित कीमत अदा की जा सके। क्यू आर कोड से भी भुगतान की सुविधा है ! इसके अलावा जिनके
पास पैसे नहीं हैं, वे भी मिठाई ले जा सकते हैं, इस विश्वास के साथ कि जब
भी संभव होगा, वे उधार चुकता कर देंगे ! देश में अपनी तरह का शायद यह पहला
प्रयोग है !
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प्रवेश द्वार |
विजय जी का कहना है, यहां जो भी ग्राहक आता है, तो उसे पता होता है कि वह किसी इंसान से नहीं, बल्कि
भगवान से लेन-देन कर रहा है, ऐसे में बेईमानी की गुंजाइश ही नहीं बचती ! यह पूछने पर कि भविष्य कैसा होगा, उन्होंने कहा मुझे पूरा भरोसा है कि लोग लड्डू गोपाल से धोखा नहीं करेंगे, सब कुछ ठीक चलेगा ! इसका प्रमाण है वह वजन की मशीन जिसे ग्राहकों की वजन को लेकर किसी शंका के समाधान के लिए रखा गया है पर आज तक किसी ने भी उसका उपयोग नहीं किया है !
इस प्रयोग की सफलता के बाद आम लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि क्या इसी तरह की ईमानदारी
आधारित दुकानों की संख्या बढ़ सकती है ? क्या दूसरे व्यवसाय भी इस मॉडल को
अपनाएंगे ? फिलहाल, विजय पांडे जी ने समाज को एक नई सोच और दिशा दी है, जहां मुनाफे से ज्यादा आस्था, विश्वास, सौहार्द का वातावरण दिखाई देता है ! प्रभु उनके भरोसे को डगमगाने ना दें !
@सभी चित्र अंतर्जाल के सौजन्य से
2 टिप्पणियां:
प्रभु उनके भरोसे को डगमगाने ना दें !
वंदन
दिग्विजय जी,
"कुछ अलग सा'' पर सदा स्वागत है आपका
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