शुक्रवार, 1 सितंबर 2023

पटनीटॉप, रमणीयता का पर्याय

पटनी टॉप के नामकरण बारे में कुछ ऐसी जानकारी मिलती है कि इसका प्राचीन नाम ''पाटन दा तालाब'' हुआ करता था, जिसका अर्थ है ''राजकुमारी का तालाब'' ! इसे राजकुमारी का तालाब इसलिए कहा जाता था, क्योंकि यह स्थानीय राजा की राजकुमारी की नहाने की पसंदीदा जगह थी ! अंग्रेजों के समय में उच्चारण की दुविधा के कारण ''पाटन दा तालाब'' धीरे-धीरे पटनीटॉप के रूप में परिवर्तित होता चला गया...........!   

#हिन्दी_ब्लागिंग

पटनी टॉप, जम्मू और कश्मीर की पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में स्थित एक रमणीय पर्यटक स्थल है, जो श्रीनगर की तरफ जाते हुए उधमपुर के बाद आता है। यह जम्मू से लगभग 112 किमी तथा 6,640 फ़ुट की ऊँचाई पर चेनाब नदी के समीप स्थित है ! यह अपने शांत परिवेश, ऊंचे चीड़ के वृक्षों, जंगलों से ढके पहाड़ों तथा चारों ओर से घिरे हरे-भरे खेतों की वजह से दिन प्रति दिन पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनता जा रहा है ! यहां कैंपिंग, ट्रैकिंग और हाइकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों का आनंद भी लिया जा सकता है ! सर्दियों में यह बर्फ की चादर ओढ़ लेता है ! अलबत्ता यहां किसी भी प्रकार की खरीदारी की गुंजायश नगण्य सी है, उसके लिए कुछ दूर कुद तक जाना पड़ सकता है ! 

पटनीटॉप 

होटल 
सत्रहवीं शताब्दी में यहां डोगरा राजा ध्रुव का शासन हुआ करता था ! जिन्होंने अपने क्षेत्र में सांस्कृतिक विरासत को बहुत बढ़ावा दिया था ! जिसका अभी भी एक प्रमाण यहां का 600 साल पुराना नाग मंदिर है ! पटनी टॉप के नामकरण बारे में कुछ ऐसी जानकारी मिलती है कि इसका प्राचीन नाम ''पाटन दा तालाब'' हुआ करता था, जिसका अर्थ है ''राजकुमारी का तालाब'' ! इसे राजकुमारी का तालाब इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह स्थानीय राजा की राजकुमारी की नहाने की पसंदीदा जगह थी ! अंग्रेजों के समय में उच्चारण की सुविधा के कारण ''पाटन दा तालाब'' धीरे-धीरे पटनीटॉप के रूप में परिवर्तित होता चला गया ! 
प्रकृति 

पिछले दिनों अपने अभिन्न मित्रों के साथ ऐसे ही अनुभवों को संजोने का अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त हुआ ! वहां हमारा दो दिनी निवास पटनीटॉप हाइट्स होटल में था ! जिसका अपना परिवेश भी मनमोहक था ! पटनीटॉप के आस-पास कई दर्शनीय अछूते से स्थल हैं, जहां पहुँचने पर पर्यटक विभिन्न ऐतिहासिक, प्राकृतिक, आधुनिक व वैज्ञानिक अनुभवों को संजो सकते हैं ! 

गोंडोला 
गोंडोला स्टेशन 

गोंडोला राइड, नवीनतम तकनीक से निर्मित, स्काईव्यू गोंडोला एशिया में सबसे ऊंचे गोंडोला में से एक है, जो पूरे वर्ष भर हर मौसम में अपनी सेवाएं प्रस्तुत कर सकता है ! पटनीटॉप से संगीत घाटी की 2.8 किमी की रोमांचक दूरी करीब 12 मिनट में करवाने वाली विज्ञान की यह अद्भुत तकनीक है ! इसका निर्माण इस क्षेत्र की फ्रांस की अग्रणी कंपनी POMA के साथ मिल कर किया गया है ! 65 मीटर से अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस और 2 टावरों के बीच 849 मीटर की सबसे लंबी दूरी वाला भारत में एकमात्र गोंडोला है ! चारों ओर पारदर्शी होने के कारण, पहली बार इसमें यात्रा करने वाले की हालत कुछ देर के लिए तो देखने लायक हो जाती है ! अपने स्टेशन पर पर्यटकों के चढने और उतरते समय इनकी गति बेहद धीमी हो जाती है पर ये रुकते नहीं हैं लगातार चलायमान रहते हैं ! इसकी सवारी आकर्षक परिदृश्य और मनमोहक विहंगम दृश्य और अपनी अनूठी तकनीक से लोगों को आश्चर्यचकित के साथ-साथ गौरवान्वित होने का एहसास भी कराती है ! 

सनासार झील 


सनासार, पटनीटॉप से करीब 20 किमी की दूरी पर, भारत के सबसे दूरस्थ जगहों में से एक, मिनी गुलमर्ग के नाम से प्रसिद्ध, शांता रिज नामक पर्वत की तलहटी में बसा, एक क़स्बा है, जो सना और सार नामक दो गांवों के मेल से बना है ! यह अपनी झील के लिए विख्यात है ! इस दो-अढ़ाई किमी के इलाके का भ्रमण घोड़ों की सवारी कर किया जा सकता है ! यहां पहुँचाने के लिए नाथाटॉप हो कर गुजरना पड़ता है, जो इस इलाके की सबसे ऊंचाई वाला क्षेत्र है ! यहीं भारतीय वायुसेना का सबसे ऊंचाई पर स्थित वायुसेना बेस है ! हमारे उधर से गुजरते वक्त सारा इलाका घने बादलों से आच्छादित था ! 

मेघाच्छादित 

नाग मंदिर, पटनीटॉप के प्राचीन मंदिरों में से एक यह मंदिर करीब 600 साल पुराना बताया जाता है ! यह मंतलाई में एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है। यह मंदिर नाग देवता को समर्पित है। लोग यहां सांपों की पूजा, प्रार्थना और अपनी मन्नतें पूरी करवाने आते हैं ! नाग पंचमी के दौरान हजारों तीर्थयात्री इस मंदिर में पहुंचते हैं। उस समय यहां सांपों की पारंपरिक रूप से पूजा की जाती है।इसमें नाग देवता और नाग देवी की प्रतिमाएं हैं ! इसका संबंध माँ पार्वती और देवाधिदेव शिवशंकर भोलेनाथ जी से भी जोड़ा जाता है !

नाग मंदिर 

चेनानी नाशरी सुरंग या  पटनीटॉप सुरंग, यह देश की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है ! मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि सामांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है। दोनों सुरंगों में 29 जगहों पर मार्ग बनाए गए हैं, जो हर 300 मीटर की दूरी पर स्थित  हैं। खास बात है सुरंग के भीतर लगे कैमरों में। इन कैमरों की मदद से 360 डिग्री तक फोटो लिए जा  सकते हैं। इस सुरंग के बनने के बाद जम्मू और श्रीनगर की दूरी मात्र 30.11 किमी रह गई है ! 

पटनीटॉप सुरंग 

इनके अलावा पटनीटॉप के आस-पास कई और भी दर्शनीय स्थल हैं जैसे, बुद्ध अमरनाथ मंदिर ! बिल्लो की पावरी, माधोटाप इत्यादि ! यदि काश्मीर जाने का सुयोग बने और समय हो, तो कुछ वक्त यहां जरूर गुजारा जा सकता है !

2 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर चित्र और वर्णन

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

हार्दिक आभार, सुशील जी🙏🏻

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