सोमवार, 21 अगस्त 2023

सीख, अपने-अपने बापू की

व्यापारी का लड़का सोच मे पड़ गया कि क्या बापू ने झूठ कहा था कि बंदर नकल करते हैं ! उधर बंदर सोच रहा था कि आज बापू की सीख काम आई कि मनुष्यों की नकल कर कभी बेवकूफ मत बनना ! इसके साथ एक बात तो तय हो गई कि यदि आज संसार में जागरूकता बढ़ रही है, शिक्षा का प्रसार हो रहा है तो हमें किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि सिर्फ हम ही समझदार हो रहे हैं.........😄😄

#हिन्दी_ब्लागिंग 


बहुत समय पहले की बात है ! तब नाहीं हर चीज की इतनी दुकाने हुआ करती थीं, नाहीं यातायात के इतने सर्वसुलभ साधन ! ज्यादातर व्यापारी अपनी सायकिल से या पैदल ही घूम-घूम कर अपने सामान की बिक्री किया करते थे ! उन्हीं दिनों एक वणिक, रोजमर्रा के काम आने वाले कपड़ों बेचने निकला ! उसकी गठरी में चमकीली रंग-बिरंगी  छोटी-बड़ी टोपियां भी थीं ! एक गांव से दूसरे गांव घूमते-घूमते दोपहर होने पर वह एक पेड़ के नीचे सुस्ताने के लिए रुक गया। भूख भी लग आई थी, सो उसने अपनी पोटली से खाना निकाल कर खाया और थकान दूर करने के लिए वहीं लेट गया। थका होने की वजह से उसकी आंख लग गई। कुछ देर बाद नींद खुलने पर वह यह देख भौंचक्का रह गया कि उसकी गठरी खुली पड़ी थी और उसकी सारी टोपियां अपने सिरों पर उल्टी-सीधी लगा कर बंदरों का एक झुंड़ पेड़ों पर टंगा बैठा था ! व्यापारी ने सुन रखा था कि बंदर नकल करने में माहिर होते हैं ! भाग्यवश उसकी अपनी टोपी उसके सर पर सलामत थी। उसने अपनी टोपी सर से उतार कर जमीन पर पटक दी। देखा-देखी सारे बंदरों ने भी वही किया ! व्यापारी ने सारी टोपियां समेटीं और अपनी राह चल पड़ा !


समय गुजरता गया ! व्यापारी बूढ़ा हो गया ! उसके बेटे ने अपना पुश्तैनी काम संभाल लिया ! वह भी अपने बाप की तरह दूर-दूर जगहों पर व्यापार के लिए जाने लगा !  दैवयोग से एक बार वह भी उसी राह से गुजरा जिस पर उसके पिता का सामना बंदरों से हुआ था। जैसे इतिहास खुद को दोहरा रहा हो, भाग्यवश व्यापारी का बेटा भी उसी पेड़ के नीचे सुस्ताने जा बैठा ! उसने भी वहीं अपना कलेवा कर थोड़ा आराम करने के लिए आंखें बंद कर लीं। कुछ ही देर बाद हल्के से कोलाहल से उसकी तंद्रा टूटी तो उसने पाया कि उसकी गठरी खुली पड़ी है और टोपियां बंदरों के सर की शोभा बढ़ा रही हैं। पर इससे वह जरा भी विचलित नहीं हुआ क्योंकि उसके बापू ने व्यापार के गुर बताते हुए उसके दौरान आने वाली ऐसी घटनाओं का तोड़ भी बतला दिया था ! पिता की सीख के अनुसार उसने अपने सर की एक मात्र टोपी को जमीन पर पटक दिया ! पर यह क्या !!! एक मोटा सा बंदर झपट कर आया और उस टोपी को भी उठा कर पेड़ पर चढ़ गया। 
व्यापारी का लड़का सोच मे पड़ गया कि क्या बापू ने झूठ कहा था कि बंदर नकल करते हैं ! उधर बंदर सोच रहा था कि आज बापू की सीख काम आई कि मनुष्यों की नकल कर कभी बेवकूफ़ मत बनना ! इसके साथ एक बात तो तय हो गई कि यदि आज संसार में जागरूकता बढ़ रही है, शिक्षा का प्रसार हो रहा है तो हमें किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि सिर्फ हम ही समझदार हो रहे हैं.........😄

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