क्या ग्रह-नक्षत्र भाषा का फर्क समझते हैं ? भले ही हमने उनको साधने के लिए अंग्रेजी में Sharma को Shaarma या Sharrma कर लिया हो, पर हिंदी वर्तनी में उच्चारण और उसकी ध्वनि तो शर्मा ही रहेगी, ना कि शार्मा या शर्रमा ! तो वर्तनी बदलने के बावजूद जब हम उसका उच्चारण पहले ही की तरह करते रहेंगे और उसकी ध्वनि भी पूर्ववत ही रही, तो फर्क क्या पड़ा ? जिसको साधने के लिए इतना ताम-झाम किया, पता नहीं वह बदलाव उसको उतनी दूर से नजर भी आएगा या नहीं ? उस तक यदि कुछ पहुंच पाएगा तो वह नाम की पहले जैसी ध्वनि ही होगी ! फिर यदि बदलाव का आभास संबंधित ग्रह को हो भी जाए तो क्या वह बेचारा प्भंबल-प्भुसे में नहीं पड जाएगा कि, भई इस बंदे का क्या करूँ ? लिखता कुछ है बोलता कुछ है ! अंग्रेजी में कुछ है हिंदी में कुछ है...........!
#हिन्दी_ब्लागिंग
अक्सर देखा गया है कि लगातार प्रयत्नों के बाद भी जब कुछ लोग अपने कार्यक्षेत्र इत्यादि में सफल नहीं हो पाते तो वे ज्योतिषविदों की शरण में जा तरह-तरह के उपाय अपनाने लगते हैं ! ऐसे ही उपायों में एक है अपने नाम के हिज़्ज़े बदल कर ग्रहों को साधने की कवायद ! कई बार देखने में आया है कि कुछ लोगों के नामों की अंग्रेजी वर्तनी में जरुरत ना होने के बावजूद ''a'' ''e'' ''i'' ''r'' जैसे शब्द या उसी ध्वनि से मिलता-जुलता शब्द जोड़ दिया जाता है। जैसे Reva के बदले Rewa ! Sunil के बदले Suneel या फिर Suniel ! Sharma की जगह Shaarma या Sharrma ! Bhattacharya की जगह Bhattacharyya या फिर Sheela के बदले Sheila इत्यादि इत्यादि ! किसी का भी नाम उसका अपना नितांत व्यक्तिगत मामला है उसमें वह कुछ भी हेर-फेर करे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है और होनी भी नहीं चाहिए ! पर यहां बात नाम में हेरा-फेरी या उलट-पुलट करवाने वालों की हो रही है।
यह विधा अंक ज्योतिष के अंतर्गत आती है। ऐसा बताया या समझाया जाता है कि हर ग्रह के कुछ निश्चित अंक होते हैं यदि आपका उस ग्रह से संबंध है तो आपके नाम के अंक उससे मिलते-जुलते होने चाहिए। हारा-थका, परेशान इंसान ''कीमती'' सलाह मान नाम में हेरा-फेरी करवा लेता है। यह रुझान समाज के समृद्ध, पढ़े-लिखे और समझदार कहे जाने वाले तबके में ही ज्यादातर लोकप्रिय भी है ! पर एक बात समझ में नहीं आती कि यह सब अधिकांशतः अंग्रेजी वर्तनी में ही किया जाता है ! हिंदी में उसका उच्चारण वही रहता है जो होना चाहिए ! भले ही Sharma को Shaarma या Sharrma कर लिया गया हो पर उच्चारण या ध्वनि शर्मा ही रहेगी, शार्मा या शर्रमा नहीं।
मान लिया कि हमने अंग्रेजी का एक अंक बढ़ा Saturn जैसे किसी ग्रह को साध भी लिया पर हिंदी में शनिदेव या जिस ग्रह के लिए भी उठा-पटक की है उसका क्या ? क्या ग्रह भाषा का फर्क समझते हैं ? चलिए छोड़िए इस बात को ! कहते हैं, कहते क्या हैं सभी जानते हैं कि ध्वनि में अपार क्षमता होती है ! तो वर्तनी बदलने के बावजूद जब हम उसका उच्चारण पहले ही की तरह करते हैं तो ध्वनि तो वही ना रहती है जो पहले थी ! तो फर्क क्या पड़ा ?जिसको साधने के लिए इतना द्रव्य खर्च कर लिखावट बदली वह बदलाव क्या उसको उतनी दूर से नजर भी आएगा ? उस तक यदि कुछ पहुंचा भी तो वह नाम की पहले जैसी ध्वनि ही होगी ! फिर यदि लिखावट के बदलाव का आभास संबंधित ग्रह को हो भी जाए तो क्या वह बेचारा प्भंबल-प्भुसे में नहीं पड जाता होगा कि, भई इस बंदे का क्या करूँ ? लिखता कुछ है बोलता कुछ है ! अंग्रेजी में कुछ है हिंदी में कुछ है !
तो लब्बो-लुआब क्या निकला पता नहीं ! अपुन ने तो अब तक की जिंदगी में ज्यादातर टेढ़े-मेढ़े, एन्ड-बैंड, हल्के-भारी,अक्री-वक्री रहे ग्रहों-नक्षत्रों के बावजूद ऐसा कोई ''परजोग'' नहीं किया ! हिम्मत ही नहीं पड़ी ! ऐज इट इज, व्हेयर इट इज, की तरह ही कट गयी बाकी जो है वह भी अईसन ही रहेगी !
8 टिप्पणियां:
नमस्ते,
आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरुवार 7 मार्च 2019 को प्रकाशनार्थ 1329 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
रविंद्र जी, हार्दिक धन्यवाद
मोटूरि सत्यनारायणआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 24वीं पुण्यतिथि - मोटूरि सत्यनारायण और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
हर्ष जी, आपका और ब्लॉग बुलेटिन का हार्दिक आभार
अंधविश्वास जब घेरता है तब व्यक्ति यूं ही बेकार हाथ पांव मारता है।
कुछ हाथ ना पल्ले।
@मन की वीणा..... अब चाहे इसे अंधविश्वास कहें या लगातार निराशा से उपजी हताशा ¡
बहुत खूब..... अन्धविश्वाशो की भी एक हद होती है लेकिन अक्सर लोग बेहद हो जाते है ग्रह नक्षत्रो को क्या भगवान को भी वेवकूफ समझने से बाज नहीं आते। सादर नमस्कार आप को
कामिनी जी, "कुछ अलग सा पर सदा स्वागत है"
एक टिप्पणी भेजें