गुरुवार, 28 दिसंबर 2017

हॉट डॉग ! यह कैसा नाम है भई !

एक संभावना और भी कही जाती है कि जर्मनों ने अपने वीनर श्वानों और इस कबाब की एकरूपता के कारण इसे ऐसा नाम दे दिया हो। कारण कुछ भी हो पर एक खाने वाली चीज का ऐसा नाम अनोखा तो लगता ही है ना !!
अक्सर बर्गर, सैंडविच, पैटिस जैसे यूरोपीय व्यंजनों के साथ एक नाम और सुनाई पड़ जाता है, हॉटडॉग ! हालांकि यह आमिष कबाब ही है, जिसे गौ या सूअर के मांस को बेलनाकार, ट्यूब सरीखे आकार का बना, पूरी तरह पका, धुएं में सुखा, "बन" में भर कर खाया जाता है। फिर भी, यह कैसा नाम है ! फिर पता चला कि इसे फ्रैंकफर्टर और वीनर भी कहा जाता है। फ्रैंकफर्टर शब्द फ्रैंकफर्ट, जर्मनी से आया है जहां सूअर के मांस से बने सॉसेज को उसी प्रकार के बन में परोसा जाता है। जैसे हैम्बर्गर का नाम भी एक जर्मन शहर से लिया गया है। वीनर शब्द वियना, ऑस्ट्रिया, से संबंधित है, जो सूअर के मांस व गौमांस के मिश्रण से बनाए जाने वाले सॉसेज का प्रमुख स्थान है। पर यह हॉटडॉग क्या नाम हुआ !! 
सहारा अंतर्जाल का ही था, सो उसी ने बताया कि 1884 से ही "डॉग" शब्द का प्रयोग सॉसेज के पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है, पर उस समय भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि ज्यादा अर्थ लाभ के लिए कुछ सॉसेज निर्माता कुत्ते के मांस का प्रयोग भी करते थे, जो उस समय चलन में भी था। जो भी हो, सॉसेज के सन्दर्भ में हॉट डॉग शब्द को सबसे पहले प्रयोग करने का विवरण बैरी पोपिक द्वारा नॉक्सविल्ले पत्रिका में पाया गया था। पता नहीं कि इसमें कितना सच है पर इस शब्द को चलन में लाने का श्रेय थॉमस एलॉसियस
नाम के एक कार्टूनिस्ट को दिया जाता है, जिसने खेल के मैदानों में बिकने वाले कबाबों को यह नाम दिया जो इतना मशहूर हो गया कि उसे 1900 ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में स्थान मिल गया। एक संभावना और भी कही जाती है कि जर्मनों ने अपने वीनर श्वानों और इस कबाब की एकरूपता के कारण इसे ऐसा नाम दे दिया हो।
कारण कुछ भी हो पर एक खाने वाली चीज का ऐसा नाम अनोखा तो लगता ही है ना !!

11 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (30-12-2017) को "काँच से रिश्ते" (चर्चा अंक-2833) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
क्रिसमस हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

शास्त्री जी,
हार्दिक आभार

Onkar ने कहा…

रोचक प्रस्तुति

HARSHVARDHAN ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विक्रम साराभाई और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

Onkar ji, Hardik dhanywad

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

हर्ष जी, काफ़ी दिनों बाद भेट हुई

Pammi singh'tripti' ने कहा…

आपकी लिखी रचना  "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 3 जनवरी2018 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!


गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

Pammi ji, aabhar

Amrita Tanmay ने कहा…

मजेदार ।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

शालिनी जी,
कुछ अलग सा पर सदा स्वागत है

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

Welcome Amrita ji

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