कोलकाता के ह्रदय-स्थल एस्पलेनैड या धर्मतल्ला या चौरंगी से एक डेढ़ की.मी., पैदल 10-15 मिनट की दूरी पर, बिड़ला-प्लेनेटोरियम, विक्टोरिया मेमोरियल, नंदन, रविन्द्र सदन थियेटर, फोर्ट विलियम, गुड़िया घर, रेस कोर्स, गंगा का किनारा बाबू घाट जैसे स्थलों के बीच खड़ा, यह करीब पौने दो सौ साल पुराना, कैथ्रेडल आज भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है
कई बातों में पहला स्थान रखने वाले महलों के शहर कलकत्ता (आज का कोलकाता) में ही सर्वप्रथम क्रिश्चियन समुदाय द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य के बाहर 1847 में पहले "कैथेड्रल" की स्थापना की गयी थी। जिसे "सेंट पॉल कैथेड्रल" के नाम से जाना जाता है। गोथिक शैली में बनी इस इमारत के निर्माण में करीब आठ साल लगे थे। यह बंगाल का सबसे बड़ा कैथेड्रल तो था ही बिशप द्वारा संचालित एशिया का पहला चर्च भी था जिसे भारत में बढ़ते क्रिश्चियन समुदाय को मद्देनज़र रख, इसी जगह स्थित छोटे आकार के सेंट जॉन चर्च को हटा, बनाया गया था।
कई बातों में पहला स्थान रखने वाले महलों के शहर कलकत्ता (आज का कोलकाता) में ही सर्वप्रथम क्रिश्चियन समुदाय द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य के बाहर 1847 में पहले "कैथेड्रल" की स्थापना की गयी थी। जिसे "सेंट पॉल कैथेड्रल" के नाम से जाना जाता है। गोथिक शैली में बनी इस इमारत के निर्माण में करीब आठ साल लगे थे। यह बंगाल का सबसे बड़ा कैथेड्रल तो था ही बिशप द्वारा संचालित एशिया का पहला चर्च भी था जिसे भारत में बढ़ते क्रिश्चियन समुदाय को मद्देनज़र रख, इसी जगह स्थित छोटे आकार के सेंट जॉन चर्च को हटा, बनाया गया था।
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7 टिप्पणियां:
शरद पूर्णिमा की हार्दिक मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (16-10-2016) के चर्चा मंच "शरदपूर्णिमा" {चर्चा अंक- 2497 पर भी होगी!
सुन्दर फोटो हैं.
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "डॉ॰ कलाम साहब को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
शास्त्री जी, आपको भी सपरिवार हार्दिक बधाई
Thanks, Bhartiy Nagrik
अच्छी जानकारी .
प्रतिभा जी,
धन्यवाद
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