शनिवार, 31 जनवरी 2015

इसके पहले कि "थिम्फु" पहुंचें..........

vth king, JKN Wangchuk
भूटान, दक्षिणी एशिया में एक तरफ चीन और तीन तरफ से भारत से घिरा धरती पर स्वर्ग का एक टुकड़ा। इतिहासकारों के अनुसार  भूटान शब्द  संस्कृत के भोट-अंत,   यानी जहां तिब्बत की सीमा  ख़त्म होती हो या फिर भू-उत्तान, यानी ऊंचाई वाली जगह के पहचान स्वरूप बना है। इसका सबसे बड़ा शहर और राजधानी "थिम्फु" है। भूटानी में भूटान का नाम Druk Yul है जिसका अर्थ है थंडर ड्रैगन का स्थल। 
नीला पॉपी 

करीब आठ लाख की आबादी वाला यह देश भगवान बुद्ध को सर्वोपरि मानता है। विश्व में यह अकेला देश है जो बौद्ध वज्रयान धर्म को अपनाए हुए है। यहां के लोग हंसमुख, शांति-प्रिय, मृदुभाषी, मिलनसार तथा अपने राजा के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। यहां की प्रजा अपने राजा को  पिता समान मानती है और यहां आने वाले पर्यटकों से भी उम्मीद करती है कि वे उनका सम्मान करें। राजाज्ञा ही उनके लिए कानून है। हो भी क्यों न !  गरीबी के बावजूद यहां शिक्षा और स्वास्थय सेवा मुफ्त है। राजा की
राष्ट्रीय पशु ताकिन 
तरफ से हर घर से एक सदस्य को नौकरी 
उपलब्ध करवाई जाती है। सरकारी नौकरी में लगे हर स्त्री-पुरुष को राष्ट्रीय पोशाक पहनना आवश्यक है। परुषों का परिधान 'घो' और स्त्रियों की पोषक 'किरा' कहलाती है। बेटियों को यहां बेटों से ज्यादा अधिकार प्राप्त हैं। समाज का नजरिया "खुला" है। यह एशिया का प्रथम और विश्व का आठवां  सबसे खुशहाल देश है। इसीलिए पर्यटकों के लिए यह शायद विश्व का सबसे सुरक्षित देश माना जाता है।   भूटानी अपने पूजा स्थलों के प्रति भी बहुत संवेदनशील होते हैं। यहां पवित्र स्थलों ढक कर जाना अच्छा नहीं समझ जाता।   
नीला पॉपी, जो एक दुर्लभ फूल है, यहां का राष्ट्रीय पुष्प है। इनके राष्ट्रीय पशु का नाम ताकिन है। इसका मुंह
बकरी के सामान तथा बाक़ी शरीर गाय के जैसा होता है। राष्ट्रिय पक्षी का दर्जा तीन आँखों वाले दुर्लभ पक्षी को प्राप्त है। भूटान के ऊपरी हिस्से में नीली भेड़ें पाई जाती हैं. 
यहां की भाषा भूटानी है जिसे Dzongkha कहा जाता है। तीरंदाजी यहां का राष्ट्रीय खेल है, वैसे फूटबाल और क्रिकेट भी काफी लोकप्रिय हैं। यहां की करेंसी Ngutrum है जो हमारे रुपये के बराबर मूल्य रखती है। रुपये का लेन - देन आम है। सिगरेट-तंबाखू तथा पॉलीथिन को पूरी तरह बैन करने वाला यह विश्व का एकमात्र देश है। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए यहां गाड़ियों के हार्न बजाना भी मना है। अपनी यात्रा के चार दिनों में कहीं भी कर्कश शोर सुनाई नहीं पड़ा। विश्व में सिर्फ दो देशों की राजधानियां ऐसी हैं जहां सडकों पर कोई ट्रैफिक लाइट्स
साफ-सुथरा शहर 
नहीं हैं। पहली प्रशांत सागर में स्थित Palau की राजधानी Ngerulmud तथा दूसरी भूटान की राजधानी थिम्फू, इसके बावजूद यहां यातायात संबधित कोई परेशानी नहीं दिखाई दी।  


विज्ञापनों में कई बार दिखा होगा, मुस्कुराइए कि आप फलानी जगह हैं, यहां बिना कहे ही आपके होटों पर मुस्कराहट तिर जाएगी। यदि जिंदगी कभी मौका दे तो स्वर्ग के इस छोटे से टुकड़े को अपनी यात्रा में जरूर शामिल करें। 

यहां एक ही दिक्कत हुई इन चार दिनों में किसी भी एक इंसान का नाम ना ठीक से समझ पाए ना ही उच्चारित किया जा सका।  :-)  

3 टिप्‍पणियां:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

Shastri ji aabhar

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

काफ़ी जानकारी जुटाई आपने। मेहनतीय पोस्ट :)

अन्तर सोहिल ने कहा…

बहुत बढिया पोस्ट
इस जानकारी के लिये आभार

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