रविवार, 27 अक्तूबर 2013

सुजानगढ़ के डुंगर बालाजी, जहां पूरी होती है अपना घर बनने की मन्नत

सालासर बालाजी धाम से सुजानगढ़ करीब 34 किलोमीटर दूर स्थित है। सुजान गढ़ के रेलवे स्टेशन से रेल पटरी पार करने के बाद वहाँ से करीब 11-12 की दूरी पर गोपालपुर की पहाड़ी पर 600 फुट की ऊंचाई पर हनुमान जी का एक मंदिर है जिसे डूंगर बालाजी के नाम से जाना जाता है।  उस ऊंचाई से चारों ओर का सुंदर विहंगम दृश्य दिखाई देता है।
डूंगर बाला जी 


मंदिर की सीढ़ियां 

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गाड़ी खडी करने की जगह से मंदिर तक जाती सीढ़ियां 


पार्किंग 


नीचे का दृश्य 
किसी आस्थावान द्वारा बनाया गया घर 


मंदिर के पास तक गाड़ी जाने का मार्ग बना हुआ है पर चढ़ाई बहुत ही तीखी तथा घुमावदार होने की वजह से कुशल ड्रायवर ही गाड़ी ऊपर ले जाए तो ठीक है। गाड़ी खडी करने की जगह से मंदिर तक जाने के लिए करीब तीस-पैंतीस सीढ़ियां चढ़नी होतीं हैं।  इस मंदिर के सिर्फ 80-90 साल पुराना होने के बावजूद यहाँ की मान्यता बहुत है। लोगों की दृढ मान्यता है कि यहाँ बिखरे ईंट-पत्थरों से यदि एक घर का आकार बना दिया जाए तो उस इंसान का असल जीवन में घर जरूर बन जाता है। इसके साथ ही यह भी चेतावनी दी जाती है कि पहले से बना किसी आस्थावान द्वारा बनाया गया घर का ढांचा न तोड़ा जाए।      

हम सब सालासर बालाजी के दरबार में हाजरी लगा डूंगर बालाजी के दर्शनार्थ करीब दो बजे पहुँच गए थे।  जहां से तीन बजे के लगभग सीकर की ओर श्याम खाटु जी के दर्शनों का लाभ उठाने हेतु गाड़ी का मुंह मोड़ लिया गया।  
यदि कभी सालासर जाएं तो थोड़ा सा समय निकाल डूंगर बाला जी के भी दर्शन भी जरूर कर आएं। 
कल श्याम खाटु जी महाराज के दरबार में .....

8 टिप्‍पणियां:

Guzarish ने कहा…

नमस्कार !
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [28.10.2013]
चर्चामंच 1412 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें |
सादर
सरिता भाटिया

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति।
साझा करने के लिए धन्यवाद।

HARSHVARDHAN ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन शहीद जतिन नाथ दास और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सरिता जी, पोस्ट शामिल करने का हार्दिक आभार

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

हर्षवर्धन जी, ऐसे ही स्नेह बना रहे

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बहुत ही रोचक तथ्य..

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बालाजी को नमन ...सुंदर फोटोस

Archana Chaoji ने कहा…

सालासर तो जाना हुआ था , ये पता नहीं था ....

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