संता ने हथियारों के लायसेंस देने वाले दफ्तर में तोप के लिये अर्जी लगाई। वहां से उसे तुरंत बुलावा आया। जैसे ही संता वहां पहुंचा, वहां के सबसे बड़े अधिकारी ने उससे पूछा, कि क्या तुमने तोप लेने के लिए अर्जी दी है? क्या करोगे तोप का? तुम्हें मालुम नहीं नागरिकों को ऐसे हथियार नहीं दिए जाते?
मालुम है सरकार। पर पिछले साल अपनी लड़की की शादी में पांच बोरे चीनी के लिए अर्जी दी थी तो मुश्किल से एक बोरी मिली थी। अब मुझे बंदूक की जरूरत है तो मैने सोचा तोप की अर्जी दुंगा तब बंदूक तो मिल ही जाएगी।
संता ने मासुमियत से जवाब दिया।
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संता की पत्नी ने विज्ञापन पढा "विज्ञान का चमत्कार आप सबको देखें पर आप को कोई ना पहचान पाए, तुरंत मंगाएं, सीमित स्टाक। पैसे अग्रिम भिजवाएं।"
इसके पहले कि पड़ोसन को पता चले उसने तुरंत पैसे भिजवा दिये। चार दिन बाद एक पार्सल भी आ गया, खोल कर देखा तो बुरका निकला।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
बुधवार, 4 मार्च 2009
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5 टिप्पणियां:
बहुत ही मजेदार जोक्स है . धन्यवाद.
आनंद आया।
इसके पहले कि पड़ोसन को पता चले उसने तुरंत पैसे भिजवा दिये। चार दिन बाद एक पार्सल भी आ गया, खोल कर देखा तो बुरका निकला....Waah ji waah ye to sach much vigyan ka chmatkar nikla....!!
शर्मा जी यह संता तो ताऊ का भी ताऊ है... ओर संती भी ताई से कम नही, मजा आ गया
धन्यवाद
वाह्! जी, बहुत ही मजेदार चुटकुले......
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