हम मनुष्य अपने संसार में अपने में ही खोए रहते हैं। पर जब हमें अन्य जीव-जन्तुओं और उनकी क्षमताओं के बारे में जानकारियां मिलती हैं तो दांतो तले उंगली दबाने के सिवा और कुछ नहीं सूझता। ऐसे ही कुछ तथ्य दे रहा हूं। देखिए दांतों तले उंगली जाती है कि नहीं : -
1, एक छोटी सी चींटी अपने वजन का 30गुना भार उठा लेती है और अपने वजन का 50गुना भार खींच कर अपने बिल तक ले जा सकती है। क्या हम आप अपने द्वारा इसकी कल्पना भी कर सकते हैं ?
2, नीली व्हेल की सीटी की आवाज पानी में मिलों तक सुनाई पड़ती है। यह किसी भी जानवर के द्वारा उत्पन्न ध्वनी से तेज और तीखी होती है।
3, मगरमच्छ कुछ चबा नहीं सकता पर उसका पाचन रस इतना तेज होता है कि वह लोहे की कील को भी हजम कर सकता है।
4, कुत्तों में हम मनुष्यों से 40गुना ज्यादा सूंघने की क्षमता होती है।
5, जिराफ की जीभ एक से ड़ेढ फुट लम्बी होती है।
6, शेर जैसा ताकतवर और तेज जानवर 24 में 20घंटे आराम ही करता रहता है। ज्यादातर शिकार शेरनी के द्वारा किया जाता है पर खाने में अपने बच्चों से भी आगे सिंहराज रहते हैं।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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9 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर जानकारी. ऊँगली वहीँ के वहीँ रह गयी. आभार.
bahut badhiya janakari di hai .
बड़ी रोचक जानकारी दी आपने। धन्यवाद।
बहुत रोचक जानकारी। ज्ञान दिया आपने। आभार आपका।
बहुत अलग अलग और रोचक विषय हैं। बधाई।
पूर्णिमा वर्मन
मत मेरा भी
सहमति का
अच्छी गति का।
रोचक जानकारी.
जय हो सिंहराज की.
रोचक जानकारी दी
बहुत रोचक जानकारी प्रदान की........कुत्ते तथा चींटी के बारे में तो मालूम था,किन्तु बाकी जानकारी हमारे लिए बिल्कुल नवीन थी.
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