श्री श्री बाला जी महाराज |
मंदिर की चांदी जड़ी दीवारें |
माता अंजनी |
श्री मोहनदास जी की धूनी |
यहाँ की हनुमान जी की प्रतिमा देश में उपलब्ध उनकी बाक़ी मूर्तियों से बिल्कुल अलग और न्यारी है. ऎसी प्रतिमा का और कहीं होने की जानकारी भी नहीं है। सालासर की प्रतिमा में हनुमान जी का चेहरा दाढ़ी और मूंछों से आच्छादित है जिसका और कोई उदाहरण नहीं मिलता। यहाँ यह भी मान्यता है कि सालासर के कुओं में पानी की उपस्थिति श्री हनुमान जी के आशीर्वाद के कारण ही है.
लक्ष्मण गढ़ से आते हुए बालाजी मंदिर से करीब दो किलो मीटर पहले उनकी माताजी अंजनी देवी का मंदिर है. जिसे बने अभी कुछ ही साल हुए हैं. मंदिर में माता अंजनी जी के अलावा राम दरबार और हनुमान जी की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं.
इधर जब कभी भी आना हो तो बालाजी महाराज के दर्शनों के साथ-साथ माता अंजनी के दरबार में भी जरूर जा कर उनका आशीर्वाद लें। हमारी दिल्ली-झुंझनु-बालाजी-खाटु जी-दिल्ली का आधा चरण पूरा हो गया था. करीब साढ़े बारह बजे हम सब बालाजी के दर्शन कर सुजानगढ़ के डूंगर बालाजी के दर्शन करने रवाना हो गए थे।
विवरण कल के अंक में
# स्थानीय लोगों की सलाह पर शरद पूर्णिमा के कारण अत्यधिक भीड़ की वजह से बालाजी के दर्शनार्थ जाते समय कैमरों को सेवा-सदन में ही छोड़ दिया गया था. वैसे भी मंदिरों में आजकल फ़ोटो खींचने की मनाही है। सो इस पोस्ट के सारे चित्र अंतरजाल की मेहरबानी से उपलब्ध हैं।
2 टिप्पणियां:
सुन्दर जानकारी, सुन्दर वर्णन..
एक अलग से स्थान का सुंदर वर्णन।
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