गुरुवार, 22 जुलाई 2021

यूट्यूब का इंद्रजाल

तीनों युवकों; चाड हर्ले, स्टीव चैन व जावेद करीम को अपने काम से तसल्ली या संतोष नहीं मिल पा रहा था ! अक्सर आपस में वे कुछ नया और अनोखा करने की योजना बनाते रहते थे। आखिर उनकी सोच और मेहनत रंग लाई और 2005 की 14 फ़रवरी, वैलेंटाइन दिवस के अवसर पर, उन्होंने इंटरनेट पर एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना डाला जिस पर कोई भी और किसी भी विडिओ क्लिप को देखे जा सकने के साथ-साथ अपलोड भी किया जा सकता था ! उसी मंच की लोकप्रियता आज इतनी बढ़ चुकी है कि मुंबई समेत दुनिया के 10 शहरों में विडिओ बनाने के लिए  YouTube Space नाम से मिनी स्टूडियो जैसी जगह उपलब्ध करवाई जा रही है.......! 

#हिन्दी_ब्लागिंग 

यूट्यूब अमेरिका में आविष्कृत हुआ एक वीडियो देखने वाला एक ऐसा मंच है, जिसका सदस्य बन कोई भी उस पर अपना विडिओ क्लिप देखने, अपलोड करने के साथ-साथ अपना कमेंट या टिपण्णी भी आसानी से डाल सकता है। आज इसका आकर्षण इतना बढ़ गया है कि आबालवृद्ध सा इसके दीवाने हो गए हैं। कारण भी है, यहां हर विषय पर विडियो कंटेंट उपलब्ध है, चाहे बात ज्ञान और जानकारी की हो या मनोरंजन व फिल्मों की ! इसीलिए दिन ब दिन इसकी लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी होती चली जा रही है।यह Google की ही एक फ्री सर्विस है जिसे स्मार्ट फोन, कंप्यूटर या लैप टॉप किसी पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आज यह दुनिया के 88 देशों में 76 भाषाओं के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुका है। 

फेसबुक ट्वीटर, माय स्पेस, इंस्टाग्राम, टिंडर यहां तक कि यूट्यूब से भी पहले एक वेबसाइट हुआ करती थी जिसका नाम था HOT or NOT. इसे रेटिंग साइट भी कहा जाता था, क्योंकि इस पर पोस्ट किए गए चित्रों की आकर्षकता और सुंदरता का निर्धारण लोगों के द्वारा दिए गए मत और पसंदानुसार, 1 से 10 अंक दे निर्धारित किया जाता था। इसीकी 'Meet Me' साइट पर लोगों को अपना साथी चुनने की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती थी ! आज इसका नवीनतम रूप एक एप्प ने ले लिया है। इसको यूट्यूब का प्रेरणा स्रोत माना जा सकता है !  

अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के पालो अल्टो शहर में दिसम्बर 1998 में पेपाल (PayPal) नाम की एक कंपनी स्थापित की गई जिसकी मदद से लैपटॉप, कंप्यूटर, स्मार्टफोन या टैबलेट किसी से भी, किसी के भी खाते में पैसे भेजे और लिए जा सकते थे। आज  यह दुनिया की  सबसे बड़ी इंटरनेट भुगतान करने वाली कंपनियों में से एक है। इतनी  अच्छी और बड़ी कंपनी होने  के बावजूद इसमें काम करने वाले तीन युवकों,  चाड हर्ले, स्टीव चैन व जावेद करीम को अपने काम से तसल्ली या संतोष नहीं मिल पा रहा था ! अक्सर  आपस में  वे  कुछ नया और अनोखा  करने  की योजना  बनाते  रहते  थे।  आखिर उनकी सोच व मेहनत रंग लाई और 2005 की 14 फरवरी, वैलेंटाइन दिवस के अवसर पर, उन्होंने इंटरनेट पर एक ऐसा अनोखा मंच,  पटल  या  प्लेटफॉर्म,  जो  भी  कहिए,  बना डाला जिस पर कोई भी और किसी भी  तरह के विडिओ क्लिप को देखे जा सकने के साथ-साथ अपलोड भी किया जा सकता था। 

चाड हर्ले, स्टीव चैन व जावेद करीम 
यूट्यूब के अस्तित्व में आने को ले एक कहानी प्रचलित है कि 2005 के शुरुआती महीनों के दौरान एक रात चैन के घर में दी गई एक डिनर पार्टी में लिए गए वीडियो को जब दोस्तों को शेयर करने में कठिनाई आई, तब हर्ले और चैन के दिमाग में यूट्यूब के विचार ने जन्म लिया। पर इस खोज के तीसरे सहभागी करीम, जो उस पार्टी में शामिल नहीं हो सका था, के अनुसार यूट्यूब की प्रेरणा, HOT or NOT वेब साइट से तब मिली जब 2004 में हिंद महासागर में आए सुनामी तूफ़ान की वीडियो क्लिप, इंटरनेट पर कहीं भी उपलब्ध नहीं हो सकी थी ! जो भी हो आज इस यू नलिका ने दुनिया भर को गोल-गोल घुमा कर रख दिया है ! 

Me at the Zoo 
यूट्यूब पर पहला वीडियो इसी के सह-संस्थापक, बांग्लादेशी पिता और जर्मन माता की संतान जावेद करीम ने 23 अप्रैल 2005 को Me at the Zoo नाम से अपलोड किया था। यह करीब 19 सेकेंड का वीडियो था। जिसे सेन डियागो चिड़ियाघर में उनके स्कूल के दोस्त, याकोव लेपिट्सकी ने शूट किया था। इसमें जावेद हाथियों के पास खड़े हो उनके बारे में जानकारी देते हैं। इस तरह करीम यू ट्यूब पर विडिओ डालने वाले दुनिया के पहले इंसान बन गए और उनके द्वारा कहे गए ''All right, so here we are in front of the, er, elephants, um, and the cool thing about these guys is that, is that they have really, really, really long, um, trunks, and that's, that's cool, and that's pretty much all there is to say''  शब्द, पहले यूट्यूबी वाक्य बन गए !

यूट्यूब स्पेस 
यूट्यूब के इन तीनो संस्थापकों को ख्याति भी बहुत मिली ! पर जिस बात को गूगल ने भांप लिया शायद उसका आकलन ये लोग नहीं कर पाए या फिर उस समय गूगल द्वारा ऑफर की गई, $1.65 billion (करीब 1.16 लाख करोड़) की धन राशि इतनी बड़ी थी कि ये उसे अस्वीकार नहीं कर पाए ! जो भी रहा हो, 2006 में यू ट्यूब का मालिकाना हक़ गूगल को मिल गया ! उस समय  ना तो इसके संस्थापकों और शायद ही गूगल को पता हो कि आने वाले दिनों में यह प्लेटफार्म कितनी बड़ी क्रांति लाने वाला है ! आज यह शौकिया और पेशेवर कलाकारों के लिए सोने की खदान बन चुका है ! सैकड़ों युवा इस पर आ, सेलेब्रिटी बन चुके हैं ! मुंबई समेत दुनिया के 10 शहरों में Youtube Space नाम की जगह उपलब्ध करवाई गई है, जहां कोई भी विडिओ निर्माता, जिसके दस हजार से अधिक सदस्य या ग्राहक या प्रशंसक हों, जाकर अपनी विडियो बना सकता है। यहां कई तरह के सेट, ग्रीन स्क्रीन व साउंड स्टेज की सुविधा उपलब्ध है ! दूसरे अर्थों में इसे विडिओ बनाने का मिनी स्टूडियो कहा जा सकता है। 
आज यू-ट्यूब के यूज़र की संख्या दो अरब को पार कर रही है ! जो नए-पुराने विडिओ, विडिओ क्लिप के साथ-साथ ऐसी पुरानी फ़िल्में भी देख पाते हैं, जो और कहीं मिलती ही नहीं या बड़ी मुश्किल से उपलब्ध हो पाती हैं ! इस पर करोड़ों विडिओ रोज देखे और अपलोड किए जाते हैं। इस पर अपने देश की टी सीरीज, म्यूजिक के ग्राहकों की संख्या 18 करोड़ से ऊपर है और इस संख्या के साथ यह यूट्यूब पर सर्वोच्च स्थान पर विराजमान है ! आज इस पर हर कोई अपनी प्रतिभा दर्शाने में जुटा हुआ है ! चाहे वह बागवानी हो ! पाक शैली हो ! मनोरंजन हो ! तकनिकी हो ! कुछ भी हो ! यदि किसी को लगता है कि उसकी विधा कुछ अलग, ज्ञानवर्धक और लोकलुभावनी है तो वह इस मंच का सहारा जरूर लेता है ! व्यक्तिगत रूप से देखा जाए तो देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय यू ट्यूबर में गौरव चौधरी, आशीष चंचलानी, अजय नागर, निशा मधुलिका निखिल शर्मा जैसे अनेकों लोग शामिल हैं, जो नाम और दाम कमाने में युवाओं के आदर्श बने हुए हैं !
इसकी उपलब्धियां, रेकार्ड, आंकड़े, लोकप्रियता, सब पर एक साथ लिखा जाए तो अच्छा-खासा ग्रंथ बन जाएगा। अब जहां अच्छाई होती है वहां बुराई का होना भी अपरिहार्य सा हो गया है ! यूट्यूब भी इसका अपवाद नहीं है ! कुछ विकृत मानसिकता के लोग इसका दुरूपयोग करने से भी बाज नहीं आते ! मजबूर हो कई बार सरकार को भी हस्तक्षेप करना पड़ता है ! पर उसका प्रयास भी अंतर्जाल की व्यापकता, जटिलता और असीम विस्तार के सामने पूर्णतया सफल नहीं हो पाता ! इसीलिए यह चीन, उत्तर कोरिया तथा ईरान में प्रतिबंधित है ! अब यह तो लोगों की जागरूकता पर ही निर्भर करता है की केबल टीवी से कहीं ज्यादा पहुंच वाले इस माध्यम का उन्हें कैसे उपयोग करना है ! क्या चुनना व क्या देखना है ! 

@सभी चित्र अंतर्जाल के सौजन्य से 

37 टिप्‍पणियां:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

मीना जी
रचना को स्थान प्रदान करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

Kadam Sharma ने कहा…

एक जानी-पहचानी चीज के अनजाने पहलू ¡
आभार

Jyoti Dehliwal ने कहा…

गगन भाई,यू ट्यूब के बारे में बहुत ही रोचक और सविस्तर जानकारी शेयर करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

Sweta sinha ने कहा…

संभवतः सभी के नियमित दिनचर्या का हिस्सा है यू-ट्यूब,
बेहद ज्ञानवर्धक और रोचक तथ्य आपने साझा किया सर।
आपका बहुत-बहुत आभार।
सादर।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कदम जी
अनेकानेक धन्यवाद

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

ज्योति जी
हार्दिक आभार !

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

श्वेता जी
ध्यान तो यही रखना है कि कमबख्त हावी ही ना हो जाए हम पर :)

Sweta sinha ने कहा…

जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २३ जुलाई २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।

शिवम कुमार पाण्डेय ने कहा…

बहुत बढ़िया जानकारी दी आपने। इस "यूट्यूब" की वजह से ना जाने कितने गांव से बहुत से होनहार लड़के लड़कियां या टैलेंट उभरकर निकले जो किन्ही वजहों से पिछड़ जाते थे। यूट्यूब एक बेहतरीन अविष्कार है.. पुराने धारावाहिक फिल्मे आदि जो छूट गया था जिसके हम देख ना पाए थे वो सब आसानी से मिल जाता है इधर। जिस्का फायदा होता है उसका नुकसान भी देखने मिल ही जाता है ,है कुछ लोग जो भसड़ मचाए हुए है इनपर उचित करवाई होनी चाहिए।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सुशील जी
हार्दिक आभार

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

श्वेता जी
सम्मिलित करने हेतु अनेकानेक धन्यवाद

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

शिवम जी
सदा स्वागत है आपका, ब्लाॅग पर

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

रोचक रहा यूट्यूब के इस सफर को जानना।

यूट्यूब भी एक टूल ही है इसे कैसे इस्तेमाल करना है वह व्यक्ति को ही निर्धारित करना होता है। इसलिए यूट्यूब पर बैन लगाना मुझे समझ नहीं आता। लोग चाकू से कत्ल करते तो इसका मतलब ये नहीं की चाकू ही न खरीदने दिए जाये। यूट्यूब ने कई स्वतंत्र आर्टिस्टस को प्लेटफार्म दिया है जिसका उपयोग कर उन्हें कई मौके पाए हैं। वरना स्टूडियोज के भरोसे ही वो लोग रहा करते थे जिसमें हमेशा टैलेंट की कद्र नहीं होती थी। सच में अब यह एक पावरफुल माध्यम बन चुका है।

Onkar ने कहा…

बेहद रोचक

Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल ने कहा…

जानकारियों से परिपूर्ण आलेख - - हमेशा की तरह अपनी ओर खींचता सा - - साधुवाद सह।

Kamini Sinha ने कहा…


हर चीज़ की अच्छाई के साथ-साथ बुराई भी होती है और अति तो किसी भी चीज़ की बुरी होती है।
यू टूयूब के बारे में इतनी विस्तृत जानकारी देने के लिए हृदयतल से आभार गगन जी,सादर नमन

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

विकास जी
बिल्कुल सही! अच्छाई व बुराई तो सभी जगह है,सो बंद करना तो समस्या का सही हल नहीं कहलाएगा। यहां विवेक की अहम भूमिका है

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

ओंकार जी
हार्दिक आभार

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

शांतनु जी
"कुछ अलग सा" पर सदा स्वागत है आपका

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कामिनी जी
बहुत-बहुत धन्यवाद

Subodh Sinha ने कहा…

" इनकी उपलब्धियां, रेकार्ड, आंकड़े, लोकप्रियता, सब पर एक साथ लिखा जाए तो अच्छा-खासा ग्रंथ बन जाएगा। " - सही कथन, फिर भी, किसी विषय विशेष पर विस्तृत जानकारी .. और इसके आधार-स्तम्भ- उपग्रहों- जिन के कारण ये सारे सोशल मीडिया के मंच टीके हैं, की भी चर्चा की जाएँ , तो एक महाग्रंथ ही बन जाए .. शायद ...

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत रोचक बहुत लाभदायक | बहुत बहुत शुभ कामनाएं |

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सुबोध जी
स्वागत है आपका

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आलोक जी
हार्दिक आभार

yashoda Agrawal ने कहा…

उव्वाहहहह..
सुंदर जानकारी..
सादर..

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

यशोदा जी
अनेकानेक धन्यवाद

अनीता सैनी ने कहा…

बहुत ही बढ़िया जानकारी सर।
सादर

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

हार्दिक आभार, अनीता जी

मन की वीणा ने कहा…

यूट्यूब को तो जानते थे पर उसके बारे में इतनी विस्तृत और व्यापक जानकारी पढ़ कर ज्ञान वर्धन हुआ।
जानकारी युक्त सार्थक पोस्ट।

Sudha Devrani ने कहा…

यूट्यूब के बारे में विस्तृत जानकारी देने हेतु धन्यवाद आपका...
बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख।

Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल ने कहा…

निःसंदेह, यू टियूब छुपी हुई प्रतिभावों को एक नया मंच प्रदान करता हैं, आविष्कार से सम्बंधित जानकारियों का बहुत विस्तृत रूप से अपने विश्लेषण किया है, जो कि इस इलेक्ट्रॉनिक युग में महत्वपूर्ण ही नहीं उसे जानना और समझना दोनों ही ज़रूरी हैं, जहाँ इस से फ़ायदे भी हैं वहीँ दुष्प्रभाव भी कम नहीं, विशेषतः पालकों को अपने संतान पर नज़र रखना भी ज़रूरी है कि आख़िर वो क्या देख रहे हैं - - साधुवाद सह।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कुसुम जी
प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सुधा जी
अनेकानेक धन्यवाद

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सुधांशु जी
आज जब हर चीज की अच्छाई के साथ बुराई का होना अपरिहार्य हो गया है, ऐसे में हमें खुद विवेकी होने के साथ-साथ बच्चों में भी नीर-क्षीर विवेक के गुणों को स्थापित करना होगा

Manisha Goswami ने कहा…

जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक उसी तरह हर चीज कमियाँ और खूबियाँ दोनों होती है और इसका आप उपयोग किस लिए करते हो बात सबसे अधिक मायने रखती है!अगर सदुपयोग करो सही है और दुरूपयोग करो तो बहुत ही भयानक!
सार्थक और उम्दा लेख सर ब्लाॅग के नाम के हिसाब से ही आपके सभी पोस्ट हैं! कुछ अलग सा!
वैश्या पर आधारित हमारा नया अलेख एक बार जरूर देखें🙏

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आभार, मनीषा जी! सदा स्वागत है आपका

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