पूरा विज्ञापन सैनिकों के जज्बे का मजाक उडाता प्रतीत होता है। युद्ध के समय तो सैनिक को किसी और चीज का होश ही नहीं रहता और यही बात उसे ‘सिविलियन’ से अलग करती है।
कुछ दिनों से एक विज्ञापन टी वी पर आ रहा है, जिसमे एक सैनिक को सीमा पर हो रही भीषण गोलाबारी के बीच भी बेहद तन्मयता से एक पैकेट से कुछ खाते हुए दिखाया गया है। इतना ही नहीं जब उसके साथी का हाथ गोली खा कर मरते हुए उसके पैकेट पर आ जाता है तो वह निरपेक्ष भाव से उसका हाथ परे कर फिर खाने मे तल्लीन हो जाता है। पर उसी समय जब एक गोली आ उसके पैकेट के चिथड़े उडा देती है तो वह गुस्से से पागल हो चिल्लाते हुए गोलीबारी के बीच खडा हो जाता है और अपनी जान गवां पैकेट के पीछे-पीछे “दफा” हो जाता है।
कुछ दिनों से एक विज्ञापन टी वी पर आ रहा है, जिसमे एक सैनिक को सीमा पर हो रही भीषण गोलाबारी के बीच भी बेहद तन्मयता से एक पैकेट से कुछ खाते हुए दिखाया गया है। इतना ही नहीं जब उसके साथी का हाथ गोली खा कर मरते हुए उसके पैकेट पर आ जाता है तो वह निरपेक्ष भाव से उसका हाथ परे कर फिर खाने मे तल्लीन हो जाता है। पर उसी समय जब एक गोली आ उसके पैकेट के चिथड़े उडा देती है तो वह गुस्से से पागल हो चिल्लाते हुए गोलीबारी के बीच खडा हो जाता है और अपनी जान गवां पैकेट के पीछे-पीछे “दफा” हो जाता है।
देख कर ही लगता है कि यह विज्ञापन एक निहायत गैर जिम्मेदाराना, अपरिपक्व, अधकचरे दिमाग की उपज है। जिसे यह नहीं मालुम कि सैनिक, चाहे वह किसी भी देश का हो उसमे यह भावना कूट-कूट कर भरी होती है कि उसके लिए सबसे अहम देश होता है और खास कर देश पर विपत्ति के समय तो उसे अपने वतन की रक्षा के सिवाय और कुछ नहीं सूझता। उसका प्रथम कर्तव्य सिर्फ देश के लिए मर-मिटना होता है।
देश में अपने विचारों को, अपनी सोच को, अपने मनोभावों को उजागर करने की आजादी है। इस पर बहुत बार चिल्लपौं भी मचती रही है। पर इस तरह की संवेदनहीन, दिमागी दिवालिएपन, स्वाभाविकता और असलियत से कोसों दूर ऐसी सोच का क्या, जिसे सिर्फ कमाई और पैसे से मतलब हो?
पूरा विज्ञापन सैनिकों के जज्बे का मजाक उडाता प्रतीत होता है। युद्ध के समय तो सैनिक को किसी और चीज का होश ही नहीं रहता और यही बात उसे ‘सिविलियन’ से अलग करती है।
इस को देख लगता है कि यह किसी ऐसे दिमाग का फितूर है जिसे देश, समाज या नैतिक मुल्यों से कोई मतलब नहीं है। उसका उद्देश्य है घटिया और फूहड़ तरीके से ध्यान आकर्षित कर कमाई करना।