इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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4 टिप्पणियां:
ये बकरियाँ भी ऐसी-ऐसी जगह चढ जाती है जहाँ हम कल्पना भी नहीं कर सकते है।
वाह खुदा को भी पूछना पड गया । बहुत सुंदर मजेदार प्रस्तुति ।
जहाँ दुनिया डरी,
वहाँ पहुँची बकरी।
क्या बक-री है !
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