इधर रेलवे किराया बढाने का सोच रही है, उधर हवाई कम्पनियां अपने किराए में कमी लाने जा रही हैं। नतीजा -
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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8 टिप्पणियां:
भाई यो हवाईजहाज जरूर हरयाणा का जोगाड सै,:)
रामराम.
रेल उड़ेगी,प्लेन पटरी पर चलेगा।:)
ये बढ़िया कार्यक्रम लगा ।
कुछ लटकने के लिये झूले भी बनाये जा सकते हैं।
वैसे बस की तरह अंदर खड़े होने का जुगाड़ भी हो सकता है। घंटे-डेढ घंटे की तो बात है इधर से उधर होने मे
ye badhiya hai. andar kii bhiid se bach kar khule me yatra.
यही तो मैनेजमेंट है यानी मैनेज और बेंट
बहुत ही सुन्दर
ब्लॉग की 100 वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है!
!!अवलोकन हेतु यहाँ प्रतिदिन पधारे!!
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