कुछ दिनों पहले एक पोस्ट डाली थी, जिसमें एक 'सज्जन' द्वारा प्लेन की महिला पायलट होने के कारण सफर से इंकार कर दिए जाने की खबर थी। काफी लानत-मलानत भी हुई थी उस यात्री की। पर आज की एक और चौंका देने वाली खबर ने तो बहुतों के होश उड़ा कर रख दिए होंगे और वे भी ऐसी पायलट वाली उड़ान से तौबा करने की सोचने लगे होंगे, जब उन्हें पता चला होगा कि एक महिला फर्जी अंकशीट लेकर हवाई नौकरी कर रही थी। पता नहीं कबसे सैंकड़ों लोगों की जान को दांव पर लगा कर। एक उसकी ही हमपेशा फरार है।
तो क्या उस यात्रा ना करने वाले महाशय को पता था इन कारस्तानियों का? :-)
क्या अब भी किसी को शक है कि हमारे देश में महिलाओं को बराबर का दर्जा नहीं दिया जाता या वे "किसी भी क्षेत्र में" " पुरुषों से कमतर हैं।
तो क्या उस यात्रा ना करने वाले महाशय को पता था इन कारस्तानियों का? :-)
क्या अब भी किसी को शक है कि हमारे देश में महिलाओं को बराबर का दर्जा नहीं दिया जाता या वे "किसी भी क्षेत्र में" " पुरुषों से कमतर हैं।
12 टिप्पणियां:
गगन जी उसके ठीक बाद ही चार पुरुष पायलट भी फर्जी डिग्री वाले पकडे गए थे, अकेले महिलाओं पर इल्जाम लगाना ठीक नहीं
इक्का-दुक्का घटनाओं को अपवाद के रूप में लिया जाय ,
वैसे बराबरी का मतलब ही होता है की सबको मौका दिया जाय, किसी भी क्षत्र में ,
सुंदर पोस्ट हेतु आभार..........
yogendra ki baat par dhyann dae
आज के समय में स्त्रियों ने पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाया है.
न केवल अच्छाइयों में बल्कि बुराइयों में भी.
कोई क्षेत्र अछूता नहीं रहा.
= सब बराबर, सब बराबर =
योगेन्द्र पाल सा. की बात बिल्कुल सही है । हम बात समस्त नारी व पुरुष प्रजाति के बारे में करें न कि व्यक्ति विशेष की ।
टिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.
स्त्रियाँ हर मामले में पुरुष की बराबरी कर सकती हैं।
योगेंद्रजी, न तो यह इल्जाम है नहीं दोषारोपण. हलके-फुल्के अंदाज में लिखी गयी पोस्ट है.
रही आपके द्वारा दी गयी पुरुषों के बारे में की जानकारी तो यह कोइ नई बात नहीं है.
वह तो अनादि काल से हेरा-फेरी में जुटा रहने वाला जीव है. मेरी यही विनती है कि हलके-फुल्के
प्रसंग को जबरन विवादित न बनाया जाए.
क्या कभी डाक्टर से यह पूछा है कि उसने एमबीबीएस या एमडी कहां से की है, कितने साल में की है, कितने परसेन्ट से की है.
ना जी ना हम कोई शक नही रहा, खस कर इस खबर को पढ कर, चोरी डकेती, ओर फ़र्जी डिग्री मे भी नारी मर्दो से दो कदम आगे हे जी:)हो सकता हे यह डिग्री उन्ही सज्ज्न ने दी हो? धन्यवाद
महिलाएं बहुत ही बेकार किस्म की पायलट होती हैं।
पुरुष भले ही फ़र्जी डिग्री वाले हों पर वो हवाई जहाज ठीक से चलाएंगे। ही ही।
एक टिप्पणी भेजें