गुरुवार, 9 अगस्त 2018

ऊं हूँ ! यह करना नामुमकिन है !

हमारा शरीर एक अजूबा है। चाहे सहनशक्ति हो, तेजी हो या फिर बल-प्रयोग इससे इंसान ने अनेक हैरतंगेज कारनामो को अंजाम दिया है। कइयों ने तो ऐसे-ऐसे करतब किए, दिखाएं हैं जिन्हें देख आम आदमी दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाता है। पर विश्वास कीजिए, आकाश से ले कर सागर की गहराई तक नाप लेने वाला हमारा वही शरीर कुछ ऐसे साधारण से काम, जो देखने-सुनने में भी बहुत आसान लगते हैं उन्हें नहीं कर पाता ! कोशिश कर देखिए यदि संभव हो सके तो .........!

#हिन्दी_ब्लागिंग       
1, एक बिना हत्थे वाली कुर्सी पर पीठ टिका कर बैठ जाएं और फिर बिना आगे की ओर झुके उठने की कोशिश करें !

2, पैर सीधे रख एड़ियों को दीवाल से लगा कर खड़े हो जाएं तो न हम झुक कर अपने पैर छू सकते हैं ना ही उछल सकते हैं ! 

3, दीवाल के साथ अपने दाहिने पैर को लगा कर खड़े हो, कितनी भी कोशिश कर लें, हम अपना बायां पैर नहीं उठा पाएंगे !

4, बच्चे मेढक की तरह कूदते रहते हैं, पर यदि उन्हें कहें कि झुक कर अपने अंगूठों को पकड़ कर कूदो तो वे क्या कोई भी नहीं कूद पाएगा !

5, अपनी हथेली को, पंजा फैला कर किसी टेबल या जमीन पर रखें। फिर अपनी बीच वाली उंगली को हथेली की तरफ अंदर मोड़ लें, अब बिना हथेली उठाए एक-एक कर अंगूठे और उँगलियों को ऊपर करें, कनिष्ठा यानी तीसरी उंगली को हिला भी नहीं पाएंगे !

6, दोनों आँखों को एक दूसरे से विपरीत दिशा में घूमाना, यानी एक को घडी की सुई की दिशा में, दायीं ओर तथा दूसरी को उसकी विपरीत दिशा में, बायीं ओर, कतई मुमकिन नहीं है !

7, अपनी मुट्ठी को अपने मुंह में डालना, शायद पुरुषों के लिए असंभव है पर शायद महिलाएं कर सकें, क्योंकि उनमें ज्यादातर की हथेलियाँ छोटी होती हैं........................................मुंह बड़े ! :-)

8, क्या आप अपनी कोहनी को चूम सकते हैं ? कोशिश कर देखिए !

9, छींक आने पर आँखें खुली रख पाना किसी के लिए भी नामुमकिन होता है !

10, हम सब ने कभी न कभी गुब्बारे तो जरूर फुलाए होंगे, चलिए आज भी फुलाते हैं; करना सिर्फ यह है कि गुब्बारे को किसी बोतल में रख उसे फुलाना है, कोशिश कीजिए, देखिए क्या होता है !

11, चलिए एक छोटी सी माचिस की तीली को ही तोड़ने की कोशिश करते हैं ! एक तीली अपने किसी भी हाथ की बीच वाली उंगली के पीछे की ओर नाखून के पास  रखें, फिर उस पर अपनी पहली और तीसरी उंगलियां रख, कोशिश करें तोड़ने की....!

इस तरह की दसियों बातें जैसे अपनी भौंहें ऊपर-नीचे करना, खुद को गुदगुदी करना, अपनी जीभ से अपनी नाक छूना, अपने कानों को हिला पाने जैसी आसान सी लगने वाली बातें भी हमारे बस में नहीं हैं ! कोई बिरला ही होगा जिसके लिए यह सब संभव होगा फिर तो वह लाखों में एक कहलाएगा ही ! 

14 टिप्‍पणियां:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

शास्त्री जी, स्नेह बना रहे, यूं ही !

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

श्वेता जी, हार्दिक आभार

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बढ़िया :)

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

जोशी जी, हार्दिक धन्यवाद

Atoot bandhan ने कहा…

वाह ... बहुत बढ़िया

virendra sharma ने कहा…

Good job sir.

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

बंधन यूंही अटूट बना रहे!

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

वीरेन्द्र जी, आभार !

जमशेद आज़मी ने कहा…

वाह बहुत ही बढि़या लेख है।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

सही कहा कई काम ऐसे हैं जो इंसान नहीं कर सकता। बहुत बढ़िया।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

जमशेद जी, हार्दिक धन्यवाद

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

ज्योति जी, "कुछ अलग सा'' पर सदा स्वागत है !

Adan Khan ने कहा…

Nice information

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

Thank you, Adan

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