जब रामानुजनजी ने विश्व के गणितज्ञों को बताया कि हिन्दू संवत्सर के अनुसार यह वह सबसे छोटी संख्या है जो सम और विषम सभी अंकों से विभाजित हो जाती है और वास्तव में यह सप्ताह के सात दिनों, महीने के तीस दिनों और साल के बारह महीनों (7x12x30) का गुणनफल है तो उनके मुंह खुले के खुले रह गए..........!
#हिन्दी_ब्लागिंग
गणित में 0 से लेकर 9 तक के अंक होते हैं ! इन्हीं से सारी संख्याएं और गणनाएं की जाती हैं ! इन्हें दो भागों में बांटा गया है, सम और विषम यानी EVEN और ODD ! सम अंकों से बनने वाली संख्याएं सम अंकों से विभाजित होती हैं और विषम से बनने वाली विषम अंकों से ! सदियों तक यह माना जाता रहा था कि ऐसी कोई भी संख्या हो ही नहीं सकती, जिसे 1 से 10 तक के सभी अंको से विभाजित किया जा सके। वैसे एक से लेकर नौ अंको के गुणनफल से ऐसी संख्या बन तो सकती है पर बनाने और होने में बहुत फर्क होता है ! लेकिन हमारे महान गणितज्ञ रामानुजन ने गहन अध्ययन और शोध के बाद एक ऐसी संख्या खोज ही निकाली, जिसे 1 से लेकर 10 तक के सभी अंकों से विभाजित किया जा सकता है, यानी भाग दिया जा सकता है। एक अद्भुत संख्या, जो सम और विषम दोनों से पूर्णतया विभाजित हो जाती है, गणित के विशेषज्ञ भी आश्चर्यचकित हैं इसकी प्रकृति पर ! यह संख्या है, 2520 !
श्रीनिवास रामानुजन् |
यह वह विचित्र, सबसे छोटी संख्या है, जो 1 से 10 तक प्रत्येक अंक से विभाजित हो सकती है और जिसे इकाई तक के किसी भी अंक से भाग देने के उपरांत शेष शून्य रहता है ! जब रामानुजनजी ने विश्व के गणितज्ञों को बताया कि हिन्दू संवत्सर के अनुसार यह वह सबसे छोटी संख्या है जो सम और विषम सभी अंकों से विभाजित हो जाती है और यह वास्तव में सप्ताह के सात दिनों, महीने के तीस दिनों और साल के बारह महीनों 7x12x30 का गुणनफल है तो उनके मुंह खुले के खुले रह गए !
यही है भारतीय गणना की श्रेष्ठता ! जो कभी शून्य दे कर जगत की गणना को अनंत विस्तार देती है ! कभी कलिष्ट गणनाओं को हल कर सुगमता प्रदान करती है ! कभी सूक्ष्मताओं को सामने ला असीम को भी संभव बना देती है ! पर पता नहीं क्यों इस विलक्षणता पर गर्व करने की बजाए हमारे ही द्वारा इसे परदे के पीछे छिपाने का कुत्सित प्रयास किया जाता रहा है !