इंसान को अपने प्रादुर्भाव के साथ ही जब भी अपनी जीवन रक्षा और भोजन की समस्याओं से निजात मिली होगी, तभी से उसने सृजन का कार्य भी शुरु कर दिया होगा। समय के साथ-साथ जैसे-जैसे उसमे गुण विकसित होते गये उसके सृजन में भी परिपक्वता आती चली गयी। धीरे-धीरे इंसान की कलाकृतियां से यह धरा सुशोभित होती चली गयी। प्रकृति और उसी की कृति इंसान में जैसे एक स्वस्थ होड सी लगी हो एक से एक नायाब कलाकृतियों के सृजन की।
पर काल बडा निष्ठुर होता है। उसके सामने सुंदर, असुंदर, अच्छे-बुरे किसी का कोई मोल नहीं होता। समय आने पर हर चीज को काल-कल्वित होना पडता है। फिर चाहे वह नायाब कलाकृतियां हों, भवन हों या स्मारक हों। रही प्रकृति के सृजनों की बात तो वह भी समय की मार के साथ-साथ इंसान की महत्वाकांक्षाओं, आवश्यकताओं की शिकार होती चली जाती हैं। इन्हीं सब बातों को मद्दे-नजर रख 1972 में 'युनेस्को' की पहल और सहयोग से "विश्व धरोहर संरक्षण का गठन हुआ जिससे इस धरा की सुंदरतम, अनोखी, अनूठी सम्पदाओं का रख-रखाव कर उनके जीवन को कुछ और बढाया जा सके।
हमारी "वसुधैव कुटुम्बकम" की तर्ज पर सारे संसार को एक मान यहां की अद्भुत कलाकृतियों की खोज की गयी। जिसमें मानव निर्मित और प्रकृति प्रदत्त दोनों की कृतियां शामिल थीं। जैसे जंगल, पहाड़, रेगिस्तान, झील, स्मारक, भवन, शहर इत्यादि।
अभी तक इस सूचि में 936 अनमोल कृतियां स्थान पाकर विश्व धरोहर होने का गौरव पा चुकी हैं। भारत की भी 28 कृतियां इसमें शामिल हैं। जिनमें 23 मानव निर्मित हैं और पांच प्रकृति प्रदत्त। ऐसी ही 32 और नाम विचाराधीन हैं जो इस गौरव को पाने का इंतजार कर रहे हैं।
भारत से विश्व धरोहर परिवार में शामिल होने वाले स्मारक और जगहें निम्नलिखित हैं :-
1, ताजमहल, आगरा।
2, आगरे का किला, आगरा।
3, लाल किला, दिल्ली।
4, कुतुब मिनार, दिल्ली।
5, हुमाँयूं का मकबरा, दिल्ली।
6, महाबोधी मंदिर, गया।
7, गोआ के चर्च, गोआ।
8, सांची का बौद्ध स्तूप, म.प्र.
9, भीम बेटका की गुफाएं, म.प्.
10, खजुराहो, म.प्.
11, पावागढ उद्यान, गुजरात।
१२, कोणार्क का सूर्य मंदिर, ओडिसा।
13, पहाड़ी रेल, शिमला, नीलगिरी।
14, अजंता की गुफाएं, महाराष्ट्र।
15, एलोरा की गुफाएं, महाराष्ट्र।
16, एलेफेंटा की गुफाएं, महाराष्ट्र।
17, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, महाराष्ट्र।
18, केवलादेव उद्यान, राजस्थान।
19, जंतर-मंतर, राजस्थान।
20, चोला मंदिर, तमिलनाडू।
21, महाबलीपुरम, तमिलनाडू
22, पट्टदकल स्मारक, कर्नाटक।
23, हम्पी के स्मारक, कर्नाटक।
24, फतेहपुर सीकरी, यू.पी.
25, फूलों की घाटी, उत्तरांचल।
26, काजीरंगा नेशनल पार्क, आसाम।
27, मनास सैंक्चुरी, आसाम।
28, सुंदरवन, प.बं.
इनका परिचय अगली बार।
8 टिप्पणियां:
संग्रहणीय पोस्ट
धन्यवाद प्रवीणजी।
बहुत बढ़िया!
मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ!
बढिया सूची तैयार की है।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई…
स्रोत और लिंक भी दे दें तो अधिक उपयोगी बन पड़ेगी जानकारियां.
राहुलजी, मेरे "कानूनी भाई" पुरातत्व विभाग में कार्यरत हैं। अभी उनकी कार्य स्थली दिल्ली स्थित 'हुमायूं का मकबरा' है। अपनी खोजों में उनकी सहायता लेता रहता हूं।
टिप्पणी में साथ लगी फोटो भी दिल्ली के जंतर-मंतर मे ही ली थी। :-)
बहुत ही उम्दा और ज्ञान वर्धक पोस्ट है,पहली बार आप के ब्लॉग पर आना हुआ,आप को फोलो कर रही हूँ,मेरे आने पर आप के ब्लॉग पर २०० सदस्य पुरे हुए ,आप को बधाई .......
अवन्तीजी, ब्लाग पर आने का बहुत-बहुत धन्यवाद। आपका सदा स्वागत है।
रही बात 200 के आंकड़े की तो वह भी सचिन के सौंवें शतक की तरह बहुत दिनों से मुझे चिढा रहा था आपने वह अवरोध भी पार करवा दिया उसके लिए फिर एक बार आभार :-)
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