बुधवार, 24 फ़रवरी 2016

कागजों की भूलभुलैया

इस वार्तालाप को पढ़ कर हंसी तो आती है, पर यह एक कड़वी सच्चाई है। हालात में एक्का-दुक्का प्रतिशत बदलाव भले ही आया हो, पर अभी भी लाखों ऐसे लोग हैं जो इस तरह के भंवर जाल में फंसे हुए हैं। दफ्तरों के चक्कर, वहाँ की लाल फीताशाही, वहाँ बैठे बाबुओं के असहयोगिता पूर्ण रवैये और अपनी आधी-अधूरी जानकारी के कारण अनपढ़ और अर्धशिक्षित लोग परेशानी से बचने के लिए जरूरी कागजात बनवाने से कतराते रहते हैं। पर जब अति आवश्यक हो जाता है, ऐसा कोई दस्तावेज, तो फिर दलालों की चांदी हो जाती है जो ऐसे लोगों से मनचाही रकम वसूलते हैं, तरह-तरह की परेशानियों का जिक्र और कागज बनवाने के नाम पर       

ट्रैफिक हवलदार ननकू से, अपना  ड्रायविंग लायसेंस दिखाओ            
ननकू - लायसेंस तो नहीं है, साहब 

ट्रैफिक हवलदार - अरे ! क्या तुमने ड्रायविंग लायसेंस बनवाया ही नहीं है?

ननकू - नहीं, साहब  

ट्रैफिक हवलदार - क्यों नहीं बनवाया ?


ननकू - एक बार बनवाने गया था, वे लोग बोले, पहचान पत्र लेकर आओ। पर मेरे पास अपना मतदाता पहचान पत्र तो है ही नहीं। 

ट्रैफिक हवलदार - अरे भाई ! यह तो बहुत जरूरी होता है, तुम अपना मतदाता पहचान पत्र बनवाओ जाकर।

ननकू - साहब मैं पहचान पत्र बनवाने गया तो वहाँ के साहब लोग बोले, अपना राशन कार्ड ले कर आओ। अब का करें मेरा तो राशन कार्ड भी नहीं बना  है।
 
ट्रैफिक हवलदार - अरे कैसे आदमी हो तुम ? कोई भी कागज़ तुम्हारे पास नहीं है जाओ पहले राशन कार्ड बनवाओ अपना ! 

ननकू - उसके लिए मैं  नगर निगम गया था, वहाँ मेरी बैंक की पास-बुक मांगी गयी पर मेरा तो किसी बैंक में खाता ही नहीं है। 

ट्रैफिक हवलदार - तो मेरे बाप बैंक खाता खुलवा ले।

ननकू -  अब कैसे खुलवा लूँ साहब, बैंक वाले ड्रायविंग लायसेंस दिखाने को कहते हैं। 


हवलदार अभी तक बेहोश है। 

8 टिप्‍पणियां:

Digvijay Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 25 फरवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

दिग्विजय जी,
आभार।


गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

दिलबाग जी,
हार्दिक धन्यवाद।

HARSHVARDHAN ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सचिन 200 नॉट आउट और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

Thanks, Harshvardhan ji

Madan Mohan Saxena ने कहा…

वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
कभी यहाँ भी पधारें

रश्मि शर्मा ने कहा…

बि‍ल्‍कल सही...बढ़ि‍या लि‍खा

बेनामी ने कहा…

गगन शर्मा जी नमस्कार, आपके ब्लाॅग की सामग्री पठनीय और रोचक है। हमने आपके ब्लाॅग से उपरोक्त रचना को आपके लिंक व फोटो के साथ यहां पर प्रकाशित किया है। आपके ब्लाॅग को हमने यहां लिस्टेड किया है। Best Hindi Blogs

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