ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें सिर्फ छुट्टी या मौज-मस्ती से मतलब होता है, उन्हें उस दिन विशेष के इतिहास या उसकी प्रासंगिकता से कोई मतलब नहीं होता।
आज गुड़फ्रायडे की छुट्टी थी। सुबह-सुबह एक सज्जन का फोन आ गया। छूटते ही बोले, सर हैप्पी गुडफ्रायडे । मुझसे कुछ बोलते नहीं बन पडा! पर फिर धीरे से कहा, भाई कहा तो गुड फ्रायडे ही जाता है, लेकिन है यह एक दुखद दिवस। इसी दिन ईसा मसीह को मृत्यु दंड दिया गया था। किसी क्रिश्चियन को बधाई मत दे बैठना।
वैसे यह सवाल बच्चों को तो क्या बड़ों को भी उलझन में डाल देता है की जब इस दिन इतनी दुखद घटना घटी थी तो इसे "गुड" क्यों कहा जाता है? ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें सिर्फ छुट्टी या मौज-मस्ती से मतलब होता है, उन्हें उस दिन विशेष के इतिहास या उसकी प्रासंगिकता से कोई मतलब नहीं होता। अब इसी दिन को लें, पिछले दिन की बधाई को याद रख, दूसरे दिन काम पर जा बहुतेरे लोगों से इस दिन के बारे में पूछने पर इक्के-दुक्के को छोड कोई ठीक जवाब नहीं दे पाया। उल्टा उनका भी यही प्रश्न था कि फिर इसे गुड क्यों कहा जाता है। इसका यही उत्तर है कि यहाँ "गुड" का अर्थ "HOLY" यानी पावन के अर्थ में लिया जाता है. क्योंकि इस दिन यीशु ने सच्चाई का साथ देने और लोगों की भलाई के लिए, पापों में डूबी मानव जाति की मुक्ति के लिए उसमें सत्य, अहिंसा, त्याग और प्रेम की भावना जगाने के लिए अपने प्राण त्यागे थे। उनके के अनुयायी उपवास रख पूरे दिन प्रार्थना करते हैं और यीशु को दी गई यातनाओं को याद कर उनके वचनों पर अमल करने का संकल्प लेते हैं।
शुक्रवार का दिन बाइबिल में अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं से जुडा हुआ है जैसे सृष्टि पर पहले मानव का जन्म शुक्रवार को हुआ। प्रभु की आज्ञाओं का उल्लंघन करने पर आदम व हव्वा को शुक्रवार के दिन ही अदन से बाहर निकाला गया। ईसा शुक्रवार को ही गिरफ्तार हुए, जैतून पर्वत पर अंतिम प्रार्थना प्रभु ने शुक्रवार को ही की और उन पर मुकदमा भी शुक्रवार के दिन ही चलाया गया।
1 टिप्पणी:
बढ़िया प्रस्तुति सर धन्यवाद !
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