कुछ लोग अति उत्साहित हो जिम का रूख कर लेते हैं, कुछ सुबह-शाम सैर के लिए निकल पड़ते हैं तो कुछ घर में ही छोटा सा जिम बनाने के लिए तरह-तरह के उपकरण खरीद कर ला धरते हैं। पर दस-पंद्रह दिनों में ही 90-95 प्रतिशत लोगों का उत्साह ठंडा पड जाता है, जिम और सैर के प्रोग्राम तो धरे के धरे रह ही जाते हैं घर पर लाया गया सामान भी धूल चाटने लग जाता है

सिर्फ मैट की ही बात नहीं है। सेहत को लेकर टी.वी., अखबारों में तरह-तरह आख्यानों-व्याख्यानों से प्रभावित हो कुछ लोग अति उत्साहित हो जिम का रूख कर लेते हैं, कुछ सुबह-शाम सैर के लिए निकल पड़ते हैं तो कुछ घर में ही छोटा सा जिम बनाने के लिए तरह-तरह के उपकरण खरीद कर ला धरते हैं। पर यह जोश दूध के उफान की तरह ही का होता है, दस-पंद्रह दिनों में ही 90-95 प्रतिशत लोगों का उत्साह ठंडा हो जाता है और जिम और सैर के प्रोग्राम तो धरे के धरे रह ही जाते हैं। घर पर लाया गया सामान भी धूल चाटने लग जाता है। सबसे बुरी हालत होती है "ट्रेडमिल" की, कोई तरह-तरह के बहानों से उसे वापस करना चाहता है तो किसी के
यहां ऐसे ही किसी कोने में धूल फांकती पड़ी रहती है तो कहीं बाल्कनी में उस पर कपडे सूखते मिलते हैं।

वैसे भी बाज़ार के कमाई के तरीकों से अब लोग भी अंजान नहीं रह गए हैं। उसके नित नए गढ़े जाने वाले तरीकों का लोग भी मजा लेने लग गए हैं। पश्चिम से आयातित बाज़ार-संस्कृति के दवाब में विभिन्न प्रकार के दिन अपना नाम रखवाने लग गए हैं तो लोग भी उन दिनों को मौज-मस्ती और फैशन के रूप में मनाने लगे हैं। बाज़ार यदि ग्राहकों को लुभाने के लिए साम-दण्ड-भेद अपना कर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं तो ग्राहक भी अब कम चतुर नहीं रह गया है। अपना हानि-लाभ देख कर ही वह किसी की बातों के जंजाल में कदम रखता है और जहां अपना मतलब पूरा होता दिखता है वह अपना दामन बचा निकल लेता है। जिसमें घर बैठे सेवा और सामान देने वाले रिवाज से उसे फायदा ही हुआ है।
6 टिप्पणियां:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26-06-2016) को "लो अच्छे दिन आ गए" (चर्चा अंक-2385) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार, शास्त्री जी
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " खालूबार के परमवीर को समर्पित ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ब्लॉग बुलेटिन का सादर आभार !
nice
Always Welcome Rashmi ji
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