रविवार, 25 दिसंबर 2011

एक होता है बाघ. कुछ जानकारियाँ.

इसके दांत और जबड़े इतने मजबूत होते हैं कि यह अपने से दुगने आकार के जानवर को कुचल कर रख देता हैपर उन्हीं दांतों से जब अपने नवजात शिशु को उठा कर इधर से उधर ले जाता है तो उसके शरीर पर खरोंच तक नहीं आती

बाघ। सुन्दर, सजीला, ताकत का पर्याय, जंगल का राजा, हमारा राष्ट्रीय पशू। यह अपने-आप में कई खासियतें समेटे है, जो इसे और भी विशिष्ट बनाती हैं -

# बहुत कम जाना तथ्य है कि जैसे किन्हीं दो इंसानों की उँगलियों के निशान आप में मेल नहीं खाते वैसे ही बाघ के शरीर पर की धारियां, जिनकी संख्या लगभग सौ के आस-पास होती है, वह भी किन्हीं दो बाघों में एक जैसी नहीं होतीं

# किन्हीं दो बाघों के पदचिन्ह भी कभी आपस में मेल नहीं खाते।

# बाघ के कानों के पीछे दो सफेद धब्बे जैसे चिन्ह होते हैं, जो आखों जैसे दिखाई पड़ते हैंधारणा है कि नन्हे शावक शुरू में इन्हीं से अपनी माँ को पहचानते हैं

# बाघ के पैरों के निशान से उनके नर या मादा होने का अनुमान लग जाता है। यहाँ तक कि उनकी उम्र तथा भार का भी।

# तेज भागते समय कई बार उसका एक ही पैर जमीन से टकरा कर उसे गति देता है।

# इसकी गर्जना तीन कि मी तक सुनी जा सकती है।

# इसके दांत और जबड़े इतने मजबूत होते हैं कि यह अपने से दुगने आकार के जानवर को कुचल कर रख देता है पर उन्हीं दांतों से जब अपने नवजात शिशु को उठा कर इधर से उधर ले जाता है तो उसके शरीर पर खरोंच तक नहीं आती।

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इसकी आँखें दुनिया के किसी भी जानवर से ज्यादा चमकीली होती हैं।

# यह मांसाहारी जीव अपने पाचन-तंत्र को ठीक रखने के लिए कभी-कभी वनस्पति का उपयोग भी कर लेता है।

# यह कभी-कभी १८ घंटे की नींद भी ले लेता है। ऐसा ज्यादातर किसी बेहद थकाऊ अभियान के बाद ही होता है।

# मुग़ल सम्राट जहांगीर के महल में बाघ बिना किसी बंधन के घूमते रहते थे।

# भारत
में सफेद बाघ मध्य प्रदेश के रीवा इलाके के जंगलों में पहली बार पाया गया था। इसे "मोहन" नाम दिया गया था और इसे ही देश के सारे सफेद बाघों का जनक माना जाता है।


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बाघों का सफेद रंग का होना उनकी 'जींन' में किसी कमी के कारण होता है।

5 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रोचक ज्ञान सामग्री

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

शर्मा जी, मैं एक कन्फ्यूजन में हूं।
पहला तो ये कि बाघ और शेर में फरक क्या है? आपने ऊपर वाले चित्र में जो जानवर दिखाया है, मैं उसे बाघ मानता हूं, जबकि कुछ जानकार लोग इसे शेर भी कहते हैं। मेरी जानकारी के हिसाब से जिसकी गर्दन के चारों ओर लम्बे लम्बे बाल होते हैं, वो शेर है लेकिन जानकार लोग उसे बब्बर शेर कहते हैं।
मेरी जानकारी कहती है कि नीचे वाले चित्र में शेरनी ने बाघ के बच्चे को मुंह में उठा रखा है। क्योंकि उसके शरीर पर बाघों वाली धारियां नहीं हैं जबकि शावक के शरीर पर धारियां हैं। आपने चित्र लगाया है तो बेशक सही ही लगाया होगा। इस बात को एक बार क्लियर करना।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

नीरज, आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। शेर जिसे Lion कहा जाता है, उसकी गर्दन पर अयाल होते हैं। इसे ही माँ दुर्गा के वाहन के रूप मे जाना जाता है। बाघ यानि tiger इसके अयाल नहीं होते पर शरीर पर धारियां होती हैं। बाघ ही सफेद रंग में पाए गये हैं जो उनकी 'जीन' मे किसी प्राकृतिक कमी के कारण होता है। ऐसी ही किसी कमी से किसी-किसी की धारियां पूर्णतया गायब हो जाती हैं या इतनी हल्के रंग की होती हैं कि दिखाई नहीं देतीं।
शेर और बाघ में एक-दो फर्क और हैं। शेर ज्यादातर खुद शिकार नहीं करता। शेरनी ही उसके लिए भी भोजन जुटाती है पर खाने के समय वह पहले खाता है परिवार बाद में। पर जब उसका पेट भरा होता है तो वह नाहक दूसरों पर हमला नहीं करता। इसीलिए फोटो वगैरह मे अक्सर उसके आस-पास दूसरे जानवर विचरते दिख जाते हैं।
पर बाघ बिल्कुल उलट है। इसमें ह्रिंसक प्रवृति ज्यादा होती है।

विवेक रस्तोगी ने कहा…

अच्छी जानकारी मिल गई आज हमें

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

प्रवीणजी, विवेकजी बहुत-बहुत धन्यवाद। ऐसे ही स्नेह बना रहे।

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