शम्मी कपूर. हिंदी फ़िल्म जगत का एक ऐसा नाम जो अपने अभिनय से ज्यादा अपनी अदाओं यानी "मैनरिज्म" के कारण याद किया जाता है. जिसने अपने समय के दिग्गजों, सर्वकालीन महान अभिनेताओं के बीच अपनी पहचान बनाई. अभिनय और नृत्य की अपनी अलग शैली विकसित की और "रिबेल" कहलाए. भले ही उस समय के आलोचकों ने उन्हें ज्यादा भाव न दिया हो फिर भी उन्होंने अभिनय के विश्वविद्यालयों जैसे कलाकारों के बीच अपनी छोटी सी पाठशाला स्थापित की जिसकी लीक पर कई अभिनेता चले और आज तक चल रहे हैं या यूं कहें की उसी लीक को ज्यादा पसंद किया जा रहा है.
पर शम्मी जी की एक ख़ास बात जिसकी मिसाल अपने ही नहीं दुनिया के किसी भी देश के फिल्मी जगत में शायद ही मिले वह है उनकी फिल्मों के विरोधाभासी नाम, जो एक दो नहीं, दसियों हैं. यदि उन्होंने जंगली में काम किया तो वे प्रोफेसर भी बने. यदि बद्तमीज में काम किया तो राजकुमार भी बने.
आइये देखें उनकी ऐसी ही कुछ फिल्मों के नाम -जंगली ----------------------------------राजकुमार
जानवर ---------------------------------प्रोफेसर
ब्लफमास्टर ---------------------------ब्रह्मचारी
बद्तमीज ------------------------------प्रिंस
बंडलबाज ------------------------------लाट साहबहम सब चोर हैं ------------------------मिर्जा साहब
डाकू ------------------------------------प्रीतम
हरजाई --------------------------------विवेकानंद
वांटेड ----------------------------------शहीद भगत सिंह
मुजरिम -------------------------------विधाता
सोचिए मिलेगा ऐसा उदाहरण कहीं और?
6 टिप्पणियां:
रोचक अवलोकन..
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अमर शहीद मंगल पाण्डेय जी की 186 वीं जयंती - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
शम्मी कपूर जी के संदर्भ में सार्थक जानकारी
बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे--------
प्रवीण जी, बहुत दिन हो गए यहां मुलाकात हुए !
ब्लॉग बुलेटिन, अपना साथ सदा बना रहे !
खरे जी, हार्दिक धन्यवाद
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