tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post7741796217984024593..comments2024-03-28T11:13:49.811+05:30Comments on कुछ अलग सा: "होली " वेदों-पुराणों में इससे सम्बंधित अनेक कथाएं मिलती हैं।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-40572078465596513912012-03-11T00:20:38.975+05:302012-03-11T00:20:38.975+05:30सही है ..वैदिक युग की होलिका यग्य....फ़िर मदनोत्सव ...सही है ..वैदिक युग की होलिका यग्य....फ़िर मदनोत्सव ....फ़िर प्रहलाद की बुआ होलिका दहन...फ़िर श्री क्रिष्ण द्वारा रन्ग बरसाने की रीति....सभी क्रमिक विकास हैं.... और आज की सन्स्क्रिति-समाज की दशा में यह भी विकास( या पतन) है.... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-87698626937786267022012-03-10T20:29:38.118+05:302012-03-10T20:29:38.118+05:30अच्छी जानकारी...
सादर बधाईयाँ होली की...अच्छी जानकारी...<br />सादर बधाईयाँ होली की...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-54359970948718957162012-03-10T18:19:08.045+05:302012-03-10T18:19:08.045+05:30उत्तर होली चर्चा भी नमकीन रही .मनभावन रंगीन रही ....उत्तर होली चर्चा भी नमकीन रही .मनभावन रंगीन रही . होलिका को इतिहासिक सन्दर्भ मुहैया करवाया है आपकी post ने .परिवेश प्रधान टिपण्णी भी की हैं इस पर्व में पैठ्तीं ,सैंध लगाती कुरीतियों ,टल्ली होते लोग,दारु की बिक्री खोलते एम् ए ले (MLA)लोक तंत्र के साथ ही होली खेल रहें हैं .यहाँ ठेठ मुंबई के एक इलाके में यही हुआ है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-1251995671550763472012-03-10T17:04:35.504+05:302012-03-10T17:04:35.504+05:30ativ sundar ....
happy HOLI!ativ sundar ....<br />happy HOLI!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-73466931714065847252012-03-10T12:26:23.487+05:302012-03-10T12:26:23.487+05:30समयानुकूल पोस्टसमयानुकूल पोस्टबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-25391727794386652902012-03-10T09:04:41.203+05:302012-03-10T09:04:41.203+05:30बहुत ही अच्छे सन्दर्भ दिए हैं आपने इस पोस्ट में! य...बहुत ही अच्छे सन्दर्भ दिए हैं आपने इस पोस्ट में! यह भी प्रतीत होता है कि अनेक संस्कृत नाटकों में वर्णित 'मदनोत्सव' ने ही आज के होली त्यौहार का रूप ले लिया।<br /><br />उमंग-तरंग-रंग के पावन त्यौहार होली की शुभकामनाएँ!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-21302406414557051492012-03-10T08:05:18.832+05:302012-03-10T08:05:18.832+05:30होलका यज्ञ की बात और ढोढा राक्षस के कहानी दोनों ही...होलका यज्ञ की बात और ढोढा राक्षस के कहानी दोनों ही मेरे लिए नै जानकारी रही, धन्यवादRaravihttps://www.blogger.com/profile/06067833078018520969noreply@blogger.com