tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post6348835892864960266..comments2024-03-28T11:13:49.811+05:30Comments on कुछ अलग सा: गोरखधंधा, एक प्रतिबंधित शब्द गगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-78174649664965793002021-09-12T20:22:36.522+05:302021-09-12T20:22:36.522+05:30महाकाल स्टेटस
हार्दिक आभार महाकाल स्टेटस<br />हार्दिक आभार गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-9453005792686610492021-09-12T20:21:02.619+05:302021-09-12T20:21:02.619+05:30अमृता जी
बिल्कुल! आवाज तो उठनी ही चाहिए अमृता जी<br />बिल्कुल! आवाज तो उठनी ही चाहिए गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-36206486663017557152021-09-12T20:19:48.369+05:302021-09-12T20:19:48.369+05:30सधु जी
अनेकानेक धन्यवाद सधु जी<br />अनेकानेक धन्यवाद गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-27900940305843085012021-09-12T18:06:42.413+05:302021-09-12T18:06:42.413+05:30बेहतरीनबेहतरीनमहाकाल स्टेटसhttp://mahakaalhindistatus.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-64585156331609270942021-09-02T12:59:18.979+05:302021-09-02T12:59:18.979+05:30शब्दोचित अर्थ का ऐसा क्षरण ... सबों को अब रोकना हो...शब्दोचित अर्थ का ऐसा क्षरण ... सबों को अब रोकना होगा । संभवतः बुद्ध से ही बुद्धु भी बना है ।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-26336256054962442522021-09-01T19:57:12.725+05:302021-09-01T19:57:12.725+05:30वाकई, कुछ अलग सा।
सुंदर।वाकई, कुछ अलग सा।<br />सुंदर। सधु चन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/03218271250912628033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-7750156410985113972021-09-01T11:50:52.776+05:302021-09-01T11:50:52.776+05:30बहुत-बहुत धन्यवाद, मनोज जी बहुत-बहुत धन्यवाद, मनोज जी गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-35991100893194049062021-09-01T06:47:00.595+05:302021-09-01T06:47:00.595+05:30बहुत सुंदर रोचक आलेख बहुत सुंदर रोचक आलेख MANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13231334683622272666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-13645231142638680352021-08-30T12:40:02.206+05:302021-08-30T12:40:02.206+05:30अनेकानेक धन्यवाद, कदम जी अनेकानेक धन्यवाद, कदम जी गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-88166770746726199342021-08-30T10:30:46.992+05:302021-08-30T10:30:46.992+05:30बहुत सुंदर जानकारी, आभार बहुत सुंदर जानकारी, आभार Kadam Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02678256450334563167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-28089234705250273312021-08-25T12:07:21.931+05:302021-08-25T12:07:21.931+05:30जिज्ञासा जी
बहुत-बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी<br />बहुत-बहुत धन्यवाद गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-10889822504563324282021-08-25T12:06:43.648+05:302021-08-25T12:06:43.648+05:30सुधा जी
सदा से यही विडंबना रही है हमारीसुधा जी<br />सदा से यही विडंबना रही है हमारीगगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-71184472958130762562021-08-25T12:05:26.573+05:302021-08-25T12:05:26.573+05:30कुसुम जी
प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार कुसुम जी<br />प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-6023350606812376562021-08-24T22:06:53.116+05:302021-08-24T22:06:53.116+05:30फिर एक बड़ी ख़ामी का सार्थक विश्लेषण किया है, आपने...फिर एक बड़ी ख़ामी का सार्थक विश्लेषण किया है, आपने गगन जी, बहुत बधाई आपको।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-71826071758123390722021-08-24T17:42:09.720+05:302021-08-24T17:42:09.720+05:30गुरु गोरखनाथ जी के ही शब्दों में, कोई बाहरी रोक-टो...गुरु गोरखनाथ जी के ही शब्दों में, कोई बाहरी रोक-टोक तो कर सकता है पर अंदरूनी रोक खुद ही करनी पड़ती है ! अपने अंतस की बात खुद ही सुननी पड़ती है !<br />और वही अंतस की बात हमारे देशवासी न सुन पाये और न समझ पाये जबकि विदेशी इसे समझ गये और हमारी ही विशेषता को हमरे ही सामने हमारे मन मे अपभ्रंश कर गये...ये हम हिन्दुस्तानियों की सबसे बड़ी खामी है।<br /> बहुत सुन्दर ज्ञानवर्धक लेख।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-38688707258848635892021-08-24T17:38:43.357+05:302021-08-24T17:38:43.357+05:30सचमुच कुछ अलग सा, सुंदर विस्तृत जानकारी दी आपने गु...सचमुच कुछ अलग सा, सुंदर विस्तृत जानकारी दी आपने गुरु गोरखनाथ जी और गौरखधंधा शब्द पर।<br />कभी सोचा ही नहीं इस ओर बस प्रयोग करते रहें।<br />पर शब्द के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना तो कोई हल नहीं है।<br />कुछ सकारात्मक परिणाम आते संदेह है, इससे अच्छी बात होती शब्द का मायने और विश्लेषण व्यापक रूप में किया जाता।<br />बहुत सार्थक जानकारी युक्त पोस्ट।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-78627274640802111062021-08-24T12:57:36.349+05:302021-08-24T12:57:36.349+05:30नासवा जी
बिल्कुल सही ! वैसे भी रोज एक ही बात को सु...नासवा जी<br />बिल्कुल सही ! वैसे भी रोज एक ही बात को सुनते-सुनते वह ठीक लगने लगती है भले ही वह गलत हो<br />गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-62020654766311781072021-08-24T11:57:07.797+05:302021-08-24T11:57:07.797+05:30कई बार अर्थ बताने पर भी लोक नहीं समझते ... खास कर ...कई बार अर्थ बताने पर भी लोक नहीं समझते ... खास कर आज का समाज और एक वर्ग भ्रमित करता ही रहता है ... पर हाँ आपकी बात में सत्यता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-63366548057264908892021-08-24T10:13:27.153+05:302021-08-24T10:13:27.153+05:30कामिनी जी
पता नहीं इंसान की फितरत ऐसी क्यों है कि ...कामिनी जी<br />पता नहीं इंसान की फितरत ऐसी क्यों है कि उसका रुझान बुराई की तरफ तुरंत हो जाता है गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-86138730178716922522021-08-24T10:11:14.014+05:302021-08-24T10:11:14.014+05:30कामिनी जी
आपका और चर्चा मंच का हार्दिक आभार कामिनी जी<br />आपका और चर्चा मंच का हार्दिक आभार गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-43232084878369419262021-08-23T20:29:48.574+05:302021-08-23T20:29:48.574+05:30"कोई बाहरी रोक-टोक तो कर सकता है पर अंदरूनी र..."कोई बाहरी रोक-टोक तो कर सकता है पर अंदरूनी रोक खुद ही करनी पड़ती है ! अपने अंतस की बात खुद ही सुननी पड़ती है "<br />बस इतना ही समझ आ जाये तो सब आसान ना हो जाए। शब्दों के अर्थ को अनर्थ साबित करके ही तो हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया गया। आज आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी।बहुत बहुत धन्यवाद आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-34736255383051126242021-08-23T19:22:00.154+05:302021-08-23T19:22:00.154+05:30ज्योति जी
भेड़चाल सी हो गई है। कोई कुछ समझने को तै...ज्योति जी<br />भेड़चाल सी हो गई है। कोई कुछ समझने को तैयार नहीं है। अपना विचार ही सभी को सही लगता है। गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-92017846931250538722021-08-23T19:08:52.877+05:302021-08-23T19:08:52.877+05:30गगन भाई, बिल्कुल सही बात है कि किसी शब्द पर प्रतिब...गगन भाई, बिल्कुल सही बात है कि किसी शब्द पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नही होगा। लोगो को उस शब्द का सही मतलब बताया जाना चाहिए। बहुत रोचक प्रस्तुति।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-64332913831627423892021-08-23T14:44:20.384+05:302021-08-23T14:44:20.384+05:30विकास जी
पूरी तरह सहमत!उल्टा प्रतिबंध लगने से उसके...विकास जी<br />पूरी तरह सहमत!उल्टा प्रतिबंध लगने से उसके गलत होने की ही पुष्टि होती है गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-2461513849161563792021-08-23T13:59:16.169+05:302021-08-23T13:59:16.169+05:30रोचक आलेख। शब्द पर प्रतिबंध लगाना बचपना सा लगता है...रोचक आलेख। शब्द पर प्रतिबंध लगाना बचपना सा लगता है। इससे यह शब्द चलन से बाहर तो जाएगा नहीं। बेहतर यह होता कि इसका सही अर्थ लोगों के समक्ष रखने का प्रयास होता जैसा कि आपका लेख कर रहा है। ऐसा ही एक शब्द किन्नर भी है जो कि किन्नौर के लोगों के लिए इस्तेमाल होता था। बाद में तृतीय लिंग के लिए होने लगा। उसे लेकर भी मुहिम उठी थी लेकिन उसमें प्रतिबंध लगाने की बात नहीं हुई थी शायद। सही अर्थ में इस्तेमाल करने की बात हुई थी। विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.com