tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post3229693864111545308..comments2024-03-29T03:30:17.212+05:30Comments on कुछ अलग सा: कब और कैसे भारत, इंडिया हो गयागगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-33076773381039765472021-02-19T10:04:16.759+05:302021-02-19T10:04:16.759+05:30ज्योति जी
अनेकानेक धन्यवाद ज्योति जी<br />अनेकानेक धन्यवाद गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-85413177574454189192021-02-18T22:11:34.358+05:302021-02-18T22:11:34.358+05:30नई नई जानकारियों का खजाना है ये ब्लॉग, सच ही कहा आ...नई नई जानकारियों का खजाना है ये ब्लॉग, सच ही कहा आपने कई बातों से अंजान है हम सभी, बड़ी सहजता के साथ स्वीकार लेना कुछ भी हमारे स्वभाव मे है,सुनकर रह जाते है, सच जानने की कोशिश नही करते है, बहुत ही बढ़िया लेख, नमन आपको ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-31473821315537155422021-02-16T21:34:25.533+05:302021-02-16T21:34:25.533+05:30नासवा जी
बिल्कुल नासवा जी<br />बिल्कुल गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-28660715012876590362021-02-16T16:15:40.668+05:302021-02-16T16:15:40.668+05:30सही लिखा है आपने ... हम वैसे भी बहुत कुछ सहज ही मा...सही लिखा है आपने ... हम वैसे भी बहुत कुछ सहज ही मान जाने वाले लोग हैं ... <br />खुद ही साजिश का हिस्सा बन जाते हैं अक्सर ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-27492536364854729942021-02-16T12:52:41.721+05:302021-02-16T12:52:41.721+05:30संगीता जी
बिल्कुल! पर गांगुली गंगोपाध्याय हो गए 😀...संगीता जी<br />बिल्कुल! पर गांगुली गंगोपाध्याय हो गए 😀गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-78015032746614392012021-02-16T10:59:31.802+05:302021-02-16T10:59:31.802+05:30जी बिल्कुल सही कहा जैसे चट्टोपाध्याय से चैटर्जी, ...जी बिल्कुल सही कहा जैसे चट्टोपाध्याय से चैटर्जी, बंधोपाध्याय से बैनर्जी ।<br />बढ़िया लेख ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-54755833709102583172021-02-16T08:04:50.468+05:302021-02-16T08:04:50.468+05:30जिज्ञासा जी
हौसलाअफजाई के लिए हार्दिक आभार जिज्ञासा जी<br />हौसलाअफजाई के लिए हार्दिक आभार गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-52704527198074990052021-02-15T23:40:02.734+05:302021-02-15T23:40:02.734+05:30कुछ ऐसे तथ्यों को आप उठाते हैं, जिससे ज्यादातर लोग...कुछ ऐसे तथ्यों को आप उठाते हैं, जिससे ज्यादातर लोग अपरिचित होते हैं..इन नायाब जानकारियों से रूबरू कराने के गगन जी आपका शुक्रिया..जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-31166762846670762082021-02-15T20:14:06.166+05:302021-02-15T20:14:06.166+05:30सधु जी
अनेकानेक धन्यवाद सधु जी<br />अनेकानेक धन्यवाद गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-63743896221107680382021-02-15T19:48:30.530+05:302021-02-15T19:48:30.530+05:30ये तो सिर्फ एक बानगी है कि कैसे ऐसे कुछ ज्ञानियों ...ये तो सिर्फ एक बानगी है कि कैसे ऐसे कुछ ज्ञानियों ने दूध का दही और दही का रायता बना दिया होगा ! क्यूँ-कब-कैसे धीरे-धीरे कुछ का कुछ हो जाता है, क्या से क्या हो जाता है, महसूस ही नहीं हो पाता ! कब असल एक किनारे हो नए को जगह दे देता है, एहसास ही नहीं होता ! और एक बार चलन में आने के बाद वही असली लगने लगता है पुराने को कोई याद भी नहीं करता ! अंग्रेंजों ने अपनी सहूलियत के लिए कुटिलता से कब, क्यूँ और कैसे भारत को इंडिया बना दिया, हम भारतवासियों को भी कहां पता चल पाया !!!<br /><br />वाकई। सधु चन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/03218271250912628033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-49178115466613820572021-02-15T17:33:30.430+05:302021-02-15T17:33:30.430+05:30शास्त्री जी
हार्दिक आभार! स्नेह बना रहे शास्त्री जी<br />हार्दिक आभार! स्नेह बना रहे गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-71204706679676075722021-02-15T15:53:11.430+05:302021-02-15T15:53:11.430+05:30बहुत सुन्दर और जानकारीपरक।बहुत सुन्दर और जानकारीपरक।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-211293126285207072021-02-15T13:40:16.640+05:302021-02-15T13:40:16.640+05:30कामिनी जी
मान देने हेतु अनेकानेक धन्यवाद कामिनी जी<br />मान देने हेतु अनेकानेक धन्यवाद गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-62363457341896095122021-02-15T13:21:24.049+05:302021-02-15T13:21:24.049+05:30सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्... सादर नमस्कार , <br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (16-2-21) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "माता का करता हूँ वन्दन"(चर्चा अंक-3979)</a> पर भी होगी।<br /> आप भी सादर आमंत्रित है।<br /> -- <br />कामिनी सिन्हा Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.com