tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post9039096543070233905..comments2024-03-28T11:13:49.811+05:30Comments on कुछ अलग सा: इसे क्या कहें, बालों का कहर या जैसे को तैसागगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-51157017407194120442009-10-05T18:16:46.910+05:302009-10-05T18:16:46.910+05:30हिमांशु जी,
वर्तमान में यह कुछ ज्यादा और ज्यादती ल...हिमांशु जी,<br />वर्तमान में यह कुछ ज्यादा और ज्यादती लगती है, पर 30-35 साल पहले यह कोई बड़ी बात नहीं थी। जब बहुओं की चाल, बाल और खाना बनाने के तरीकों को 'सुक्ष्मदर्शी' से देखा जाता था।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-77968463439413543772009-10-05T13:45:27.297+05:302009-10-05T13:45:27.297+05:30केवल बाल के लिए इतना कुछ ! कुछ ज्यादा हो गया ।केवल बाल के लिए इतना कुछ ! कुछ ज्यादा हो गया ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-61197251738638504402009-10-05T07:37:37.616+05:302009-10-05T07:37:37.616+05:30बेहतरीन रही यह लघु कथा!बेहतरीन रही यह लघु कथा!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-2405636945221203052009-10-04T18:18:26.458+05:302009-10-04T18:18:26.458+05:30है भगवान तु सब को हाथो हाथ ही उन के कर्मओ का फ़ल दे...है भगवान तु सब को हाथो हाथ ही उन के कर्मओ का फ़ल दे तो भारत मै कितनी शाति हो जाये सब सुखी हो जाये, कोई भुखा ना रहे, ... शर्मा जी बहुत सुंदर कहानी...राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-56924647545074741252009-10-04T13:58:31.023+05:302009-10-04T13:58:31.023+05:30जरूर किसी खुन्नस खाए हुए प्रतिपक्ष वाले का काम हो...जरूर किसी खुन्नस खाए हुए प्रतिपक्ष वाले का काम होगा.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-67717616248914725592009-10-04T13:47:08.742+05:302009-10-04T13:47:08.742+05:30ससुर की दाल में बाल मिला याने दाल काली भयो आनंद आ ...ससुर की दाल में बाल मिला याने दाल काली भयो आनंद आ गया पढ़कर . आभार.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-11847189748472726882009-10-04T12:51:59.510+05:302009-10-04T12:51:59.510+05:30अगर देखा जाये तो आप ने जो कुछ भी कहा वह बिल्कुल सत...अगर देखा जाये तो आप ने जो कुछ भी कहा वह बिल्कुल सत्य है। देर भले हो जाती है लेकिन करनी का फल मिलता जरुर है।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-44390274090148806152009-10-04T12:41:40.032+05:302009-10-04T12:41:40.032+05:30इसे यदि जीवन के उस चक्र के रूप में देखा जाये ....ज...इसे यदि जीवन के उस चक्र के रूप में देखा जाये ....जो घूम कर वहीं पहुंच जाता है ..तो ठीक रहेगा न...हर बेटी किसी न किसी की बहू होती है..और हर बहू किसी न किसी की बेटी...बस बात यही समझने की है....और बाल कहां समझते हैं....इतनी दुनियादारी.....अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.com