tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post7175849228554425217..comments2024-03-29T03:30:17.212+05:30Comments on कुछ अलग सा: प्रभू को यहीं क्यों अवतार लेना पङता है ?गगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-82866215110962670742009-10-29T12:10:37.282+05:302009-10-29T12:10:37.282+05:30प्रभू वहीं आते हैं जहाँ उन्हें सच्चे दिल की पुकार ...प्रभू वहीं आते हैं जहाँ उन्हें सच्चे दिल की पुकार सुनाइ देती है।<br />किसी और जगह की पुकार सच्चे दिल से किसी ने की तो प्रभू वहाँ ज़रुर अवतार लेगें।<br />फिलहाल हमें गर्व महसुस कराना चाहिए कि हमारे ऊपर प्रभू सदा मेहरबान रहते हैंचाहतhttps://www.blogger.com/profile/16053713494444087317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-918025123146900292009-10-10T12:11:02.499+05:302009-10-10T12:11:02.499+05:30यही तो वो देश है जंहा,पेड़ भी देवता,नदी भी देवता,जल...यही तो वो देश है जंहा,पेड़ भी देवता,नदी भी देवता,जल भी देवता,अग्नि भी देवता,मां देवी तो बाप देवता,और तो और पत्थर भी देवता।देवता भी वंही जाते है जंहा उन्हे मानने वाले मिले,उनके होने या न होने के छिछोरे सवाल न करे।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-20141115941943482282009-10-10T10:13:46.398+05:302009-10-10T10:13:46.398+05:30देवताओं के देश में ही
अवतारों की दाल गल सकती है।देवताओं के देश में ही <br />अवतारों की दाल गल सकती है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-76947388037679024262009-10-10T00:46:01.690+05:302009-10-10T00:46:01.690+05:30kyonki sabse jyada baklol hamaare hi dedh men paay...kyonki sabse jyada baklol hamaare hi dedh men paaye jaate rahe hainCreative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-67068742044832448492009-10-09T21:42:08.924+05:302009-10-09T21:42:08.924+05:30शायद इस लिए अवतार यहाँ लेते होगें क्युँकि कोई और द...शायद इस लिए अवतार यहाँ लेते होगें क्युँकि कोई और देश वाले उनकी सुनेगें ही नही......परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-23070472291522022052009-10-09T19:15:17.245+05:302009-10-09T19:15:17.245+05:30साधारण सी बात है शर्माजी,
जैसे पैसा पैसे को खींचत...साधारण सी बात है शर्माजी,<br /><br />जैसे पैसा पैसे को खींचता है वैसे ही देवता देवता को खींचता है...........<br /><br />अपने यहाँ भगवानों का बहुमत है ........ इसलिए आत्म सुरक्षा की दृष्टि से भगवान् का यहाँ आना वाजिब है.......Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-2080160210535196102009-10-09T19:13:01.590+05:302009-10-09T19:13:01.590+05:30समूह चर्चा के बाद बताते हैं.समूह चर्चा के बाद बताते हैं.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-49988017955306013312009-10-09T19:07:00.306+05:302009-10-09T19:07:00.306+05:30भगवान जिस देश को अपने योग्य समझते हैं वहाँ अवतार ब...भगवान जिस देश को अपने योग्य समझते हैं वहाँ अवतार बन कर प्रकट होते हैं और जिसे अपने लिए अयोग्य समझते हैं वहाँ सिर्फ अपने दूत भेजते हैं स्वयं नहीं प्रकट होते।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-17195048757779552972009-10-09T19:00:26.342+05:302009-10-09T19:00:26.342+05:30हो सकता है हमारे यहां अबतार लेना का ठेका ले रखा हो...हो सकता है हमारे यहां अबतार लेना का ठेका ले रखा हो, क्योकि हमारे यहां बहुत से काम ठेके से ही होते ह, दुसरी बात देव दुत पर भरोसा नही हो सकता, शयद रिशवत खा कर गलत सलत लोगो को भी नर्क ओर स्बर्ग मै भेज दे, तीसरी बात युरोप मे तो वेसे ही इन को कोई पुछता, ओर अफ़रिका मै शायद गर्मी बहुत है... ओर भी बहुत से कारण है, अभी लोग आते जायेगे ओर अपने अच्छे अच्छे विचार यहां जरुर लिखेगें.<br />राम राम जी कीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-50831863129393851342009-10-09T18:59:44.556+05:302009-10-09T18:59:44.556+05:30"या फिर हम इतने बड़े और भारी पापी हैं कि देवदू..."या फिर हम इतने बड़े और भारी पापी हैं कि देवदूतों का बस हमारे ऊपर नहीं चल पाता और खुद ईश्वर को इस भूमि से विपदा दूर करने के लिये तरह-तरह के वेष धर कर आना पड़ता है। बार-बार, हर-बार।"<br /><br />शर्मा जी, बदकिस्मती से यही सच है, कोई माने या न माने ! इस देश का सदियों से यह इतिहास रहा कि इसने हर प्राणी को जगह दी और नतीजन सारे कमीने, हरामखोर, चोर, लुटेरे, पोकेटमार, बहसी, कातिल और गिरे हुए लोह[I'm sorry to use these words but its the truth] इसका फायदा उठाकर यही जमा होते चले गए!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com