tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post6841069963080530122..comments2024-03-28T21:02:52.153+05:30Comments on कुछ अलग सा: युद्ध से जरूर हटे थे पर ना वे भगोड़े थे नाहीं कायरगगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-60343395258800641752011-04-11T21:52:53.227+05:302011-04-11T21:52:53.227+05:30मानव समाज में युद्ध दूसरों को गुलाम बनाने लिए नहीं...मानव समाज में युद्ध दूसरों को गुलाम बनाने लिए नहीं अन्याय से विरोध में होना चाहिए। स्वामी विवेकानन्द ने बहुत सार्थक बात कही थी। ”मुझे मनुष्यत्व दो, माँ! मेरी दुर्बलता और कापुरुषता दूर कर दो. माँ मुझे मनुष्य बना दो.।" आज ये सभी किताबें बन कर रह गयी हैं। किस विद्यालय में बच्चों के अबोध मन में ये बातें रोपी जाती हैं। हर ओर प्रोफेशनल बनने की होड़ है। चरित्र व्यक्ति के आचरण और व्यवहार से झलकता है। नेता जी सुभाषचंद बोस, सरदार भगतसिंह, रामप्रसाद ’बिस्मिल’ आदि ने कभी सोचा न होगा कि जिस आजादी को प्राप्त करने के लिए वे जीवन की कुर्बानी दे रहे हैं। वह भ्रष्टाचार के कारण इतना पतित हो जाएगी। भ्रष्टाचार से परहेज़ करने का पाठ सभी प्रकार के सार्वजनिक मंचों से खूब पढ़ाया जाता है परन्तु यथार्थ में क्या स्थिति है वह किसी से छुपी हुई नहीं है। <br />==============================<br />भारत में राजनैतिक सत्ता के गुलगुले जाति-धर्म के गुड़ से बनते हैं। यदि गुड़ खराब होगा तो उससे बना हर पकवान खराब होगा। उसे शोधित किए बिना अच्छे परिणाम की कल्पना करना व्यर्थ है। <br />============================== <br />सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-6939458591297086332011-04-11T21:25:43.269+05:302011-04-11T21:25:43.269+05:30अच्छा आलेख प्रस्तुत किया है आपने!अच्छा आलेख प्रस्तुत किया है आपने!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-38789422657292651882011-04-11T20:21:02.425+05:302011-04-11T20:21:02.425+05:30vaah pratul ji..vaah pratul ji..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-3132304907400239052011-04-11T20:12:21.175+05:302011-04-11T20:12:21.175+05:30देश सेवा और कर्तव्य सर्वोपरि है। अगर ये काम असफल ह...देश सेवा और कर्तव्य सर्वोपरि है। अगर ये काम असफल होने को हैं तो ‘जान है तो जहान है’।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-39207691803455116842011-04-11T17:33:03.932+05:302011-04-11T17:33:03.932+05:30आपने वजा फरमाया. यदि ये बात सर्वकालिक सही है तो आज...आपने वजा फरमाया. यदि ये बात सर्वकालिक सही है तो आज के सन्दर्भ में एक बात समझ नहीं आ रही कि अन्ना से सत्ता पक्ष [कांग्रेस] हार गया. <br />तो क्या मानसून सत्र में पूरी ताकत से वो इस विधेयक को धोकर रख देगा? मतलब नामंजूर कर देगा?प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.com