tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post6087571860989130394..comments2024-03-29T03:30:17.212+05:30Comments on कुछ अलग सा: उन लोगों के लिए जो हिंदी को हेय समझते हैंगगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-63429241884910188282009-11-02T12:49:34.517+05:302009-11-02T12:49:34.517+05:30खबर का माध्यम है, भारत मौसम विज्ञान विभाग की गृह प...खबर का माध्यम है, भारत मौसम विज्ञान विभाग की गृह पत्रिका 'मौसम मंजुषा' का अंक 11 वर्ष 2004.गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-45975324377739076672009-11-02T10:12:34.397+05:302009-11-02T10:12:34.397+05:30इस समाचार का कोई लिंक है क्या? प्रयोग के बारे में ...इस समाचार का कोई लिंक है क्या? प्रयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए, क्योंकि आश्चर्य कि बात है कि क और ख, ग और घ इनमें महाप्राण आकृति के किस हिस्सेसे मिलता है?shashihttps://www.blogger.com/profile/02377391033858958905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-71377059827262332562009-11-02T10:08:17.069+05:302009-11-02T10:08:17.069+05:30मेरे विचार से, किसी लिपि कि अक्षर इसलिए बने ही नही...मेरे विचार से, किसी लिपि कि अक्षर इसलिए बने ही नहीं कि उन्हें एक नली से बजा कर सुना जाए | फ्रांस वालों का यह प्रयोग और हिन्दी भाषियों की प्रतिक्रया, या फिर इस खबर से गर्व, दोनों ही समय की बर्बादी है |<br />देवनागरी की विशेषता इस बात में है कि हर ध्वनि का एक चिह्न और वो भी संयुक्त अक्षर के लिए भी ! खैर |shashihttps://www.blogger.com/profile/02377391033858958905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-34354464237823754332009-10-31T07:02:16.027+05:302009-10-31T07:02:16.027+05:30हिंदी को चाहने वालों के लिये अच्छी और उसको दोयम सम...हिंदी को चाहने वालों के लिये अच्छी और उसको दोयम समझने वालों की जानकारी के लिये एक खबर। हमारी एक आदत है कि जब तक पश्चिम किसी बात पर मोहर ना लगा दे हम उसे प्रमाणिक नहीं मानते। खास कर काले अंग्रेज।<br /><br />शर्मा जी !<br />यही तो विडम्बना है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-48545230361015465962009-10-29T22:45:21.097+05:302009-10-29T22:45:21.097+05:30हमारे फिल्म स्तार कम है क्या ?हमारे फिल्म स्तार कम है क्या ?शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-57557746865294705642009-10-29T17:43:13.961+05:302009-10-29T17:43:13.961+05:30प्रवीण्ा शाह से सहमत, हिन्दी मेरे देश की धडकन इस...प्रवीण्ा शाह से सहमत, हिन्दी मेरे देश की धडकन इससे इन्कार नहीं परन्तु ऐसी बातें हिन्दी को फूंक से उडाने वाला बना देंगी, जिन सामानों से अब तक सात सुर निकलते आये उनसे सा रे गा मा पा धा नि सा के अलावा कुछ निकला नहीं, रही बात<br />चीनी मिटटी के बर्तनों तो क्या, खुद चीनियों के मुंह से भी फूंक ही निकले उसके अलावा कुछ नहीं निकलताMohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-38111756426505671782009-10-29T16:46:42.660+05:302009-10-29T16:46:42.660+05:30हमारी मातृभाषा के गौरव को बढ़ाने वाली महत्वपूर्ण जा...हमारी मातृभाषा के गौरव को बढ़ाने वाली महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये धन्यवाद!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-40406653640197268232009-10-29T16:02:59.974+05:302009-10-29T16:02:59.974+05:30बढिया आलेख किन्तु फ्रांसीसी वैज्ञानिकों द्वारा किय...बढिया आलेख किन्तु फ्रांसीसी वैज्ञानिकों द्वारा किया गया ये प्रयोग देवनागरी नहीं अपितु संस्कृ्त भाषा की ब्राह्मी लिपि पर आधारित है । इसका उल्लेख मैं <a href="http://panditastro.blogspot.com/2009/03/blog-post_16.html" rel="nofollow">शब्द शक्ति--मंत्र---संस्कृ्त भाषा---विज्ञान</a> नामक अपनी इस पोस्ट में कर चुका हूँ ।Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-92212546274926745372009-10-29T13:42:46.902+05:302009-10-29T13:42:46.902+05:30बहुत अच्छी जानकारी दी आपने .. जानकर ताज्जुब तो ह...बहुत अच्छी जानकारी दी आपने .. जानकर ताज्जुब तो हो रहा है .. पर ज्योतिष को परख लेने के बाद मैं किसी बात को शक के निगाह से भी नहीं देख पाती .. आखिर फ्रांसिसी देवनागरी की सिफारिश क्यूं करेंगे ?संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-24343299629897074432009-10-29T13:31:50.557+05:302009-10-29T13:31:50.557+05:30बिल्कुल सही बात है जी.
रामराम.बिल्कुल सही बात है जी.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-77013637596225409912009-10-29T12:49:21.662+05:302009-10-29T12:49:21.662+05:30बहुत अच्छी जानकारी। पूरा हिन्दी फिल्म जगत हिन्...बहुत अच्छी जानकारी। पूरा हिन्दी फिल्म जगत हिन्दी का खाता है लेकिन वे जब बोलते हैं तो अंग्रेजी के फूल झड़ते हैं। मानो बता रहे हों कि देखो हमें अंग्रेजी आती है। हमें तुम केवल हिन्दी का मत समझ लेना।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-15665354274902420612009-10-29T08:32:16.470+05:302009-10-29T08:32:16.470+05:30.
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"फ्रांस के वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोगात....<br />.<br />.<br />"फ्रांस के वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोगात्मक तरीके से जो उत्तर प्राप्त किया उससे यह निष्कर्ष सामने आया कि देवनागरी विश्व की श्रेष्ठतम लिपि है।<br />उन्होंने विभिन्न लिपियों के वर्णों के अनुसार चीनी-मिट्टी के समानुपातिक खोखले खांचे बनाए। जिनके दो सिरे खुले रखे गये। जब देवनागरी लिपि के अक्षरों मे एक ओर से फूंक मारी गयी तो पाया गया कि उसमें से वैसी ही ध्वनि सुनाई पड़ती है जिन अक्षरों के अनुसार उन्हें निरूपित किया गया है। यानि 'अ' अक्षर से 'अ' और 'ग' से 'ग' ही उच्चारित हुआ। देवनागरी के बाद ग्रीक तथा लेटिन लिपियां अपने वर्णों के अनुरूप पायी गयीं।<br />अन्य लिपियों के वर्ण आकारों से मिलने वाली ध्वनियां त्रुटिपूर्ण पाई गयीं।"<br /><br />गगन जी,<br />हिन्दी का समर्थक तो मैं भी हूँ,पर यहाँ पर यह तर्क और प्रयोग बेहद फालतू लगा...क्या लिपियों को खोजने तथा विकसित करने वालों ने यह सोच कर विभिन्न लिपियां विकसित की थीं कि चीनी मिट्टी के वर्ण के आकार के ढांचे मे फूंक मारने पर वर्ण के अनुरुप ध्वनि निकलेगी?...<br />बहुत दूर की कौड़ी है यह तो...<br />इस फ्रेंच प्रयोग के कुछ रिफरेन्स उपलब्ध हैं क्या नेट पर...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-36351355299977505252009-10-29T01:36:07.731+05:302009-10-29T01:36:07.731+05:30दिलचस्प जानकारीदिलचस्प जानकारीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-14983466813679810282009-10-29T00:34:20.546+05:302009-10-29T00:34:20.546+05:30शर्मा जी यह काले अंग्रेज तो बाप भी गोरा ढुढे अगर इ...शर्मा जी यह काले अंग्रेज तो बाप भी गोरा ढुढे अगर इन के हाथ मै हो,यह खाते हिन्दी का है ओर दुम हिलाते है अंग्रेजो के सामाने उन की भाषा मै वफ़ा दारी का सबूतराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-55481517331673958682009-10-28T21:37:51.415+05:302009-10-28T21:37:51.415+05:30ये जान कर सुखद अनुभूति हुई की पश्चिम ने भी देवनागर...ये जान कर सुखद अनुभूति हुई की पश्चिम ने भी देवनागरी को श्रेष्ठ पाया | <br /><br />हिंदी फिल्म जगत <br />हिंदी चेनल <br />हिंदी अखबार<br />.... सभी परदे के पीछे हिंदी नहीं बोलते | <br /><br />ये virus लाइलाज है ....Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-89784158821882654062009-10-28T20:53:23.046+05:302009-10-28T20:53:23.046+05:30दिलचस्प जानकारी है। बहुत शुक्रिया।दिलचस्प जानकारी है। बहुत शुक्रिया।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-64409973821388704072009-10-28T20:52:22.176+05:302009-10-28T20:52:22.176+05:30काश कि ये बात सबकी समझ में आ जाए..बहुत बहुत आभार ....काश कि ये बात सबकी समझ में आ जाए..बहुत बहुत आभार ..गगन जीअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-5045516447824728192009-10-28T20:37:35.154+05:302009-10-28T20:37:35.154+05:30बिल्कुल सही बात कही है।धन्यवाद।बिल्कुल सही बात कही है।धन्यवाद।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-37434272188148317292009-10-28T20:25:53.623+05:302009-10-28T20:25:53.623+05:30इस समाचार को प्रसारित करने के लिए
आप बधाई के पात्...इस समाचार को प्रसारित करने के लिए <br />आप बधाई के पात्र हैं! <br /><br />कोई कुछ भी करे, <br />पर हम तो देवनागरी लिपि में लिखी गई <br />हिंदी पर ही गर्व करते हैं!रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-23809321972600346242009-10-28T19:41:00.415+05:302009-10-28T19:41:00.415+05:30सही बात कही आपने धन्यवाद्सही बात कही आपने धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-45397303021378327112009-10-28T19:36:29.951+05:302009-10-28T19:36:29.951+05:30यह भी खूब रही. आभार.यह भी खूब रही. आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.com