tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post6029777424711644333..comments2024-03-28T21:02:52.153+05:30Comments on कुछ अलग सा: आज कितने लोग जानते हैं कि लाल बहादुर शास्त्री जी का उपनाम वर्मा था ? गगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-40949888274907828932019-10-06T14:48:10.397+05:302019-10-06T14:48:10.397+05:30सुबोध जी, जो हो चुका वह सही था या गलत, जो भी था उस...सुबोध जी, जो हो चुका वह सही था या गलत, जो भी था उसे छोड़ अब वैसा न हो इसलिये जागरूक रहना और करना जरूरी है। ब्लॉग पर आने का हार्दिक आभार गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-60859486457101825742019-10-06T14:39:32.787+05:302019-10-06T14:39:32.787+05:30रोहितास जी, हिंदी की बढ़ोतरी के लिए जो कुछ भी संभव...रोहितास जी, हिंदी की बढ़ोतरी के लिए जो कुछ भी संभव हो वह अवश्य किया जाना चाहिए।<br />मेरे से जो और जितना हो सकता है, प्रयासरत हूं। जरूर मिलना चाहूंगा सब सेगगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-15423557795607399452019-10-06T11:59:18.827+05:302019-10-06T11:59:18.827+05:30मैं बेबाक़ी से तो नहीं पर पर्दे में बात कहूँ तो ये ...मैं बेबाक़ी से तो नहीं पर पर्दे में बात कहूँ तो ये कोई नई भी नहीं लगभग सर्वविदित है कि गांधी को ब्रांड बनाने वाले ही शास्त्री जी के ताशकंद समझौता के समय उनकी आखिरी साँस के जिम्मेवार थे। यह आज भी रहस्य ही है।<br />आज सोशल मिडिया पर कुछ लोग अपनी कृत्यों को सेल्फ़ी से चमका कर अपनी ब्रांडिंग करते हैं, वैसे ही कोई ब्रांडिंग कर के ब्रांड बनता है और कोई गुमनाम सादगी से अपना नेककर्म कर जाता है। शास्त्री जी के नाम को ब्रांडिंग नहीं बनने देने वाले में उन्हीं लोगों का हाथ प्रतीत होता है , जिन्होंने उन्हें नोटों पर छाप कर उनकी ब्रांडिंग की है। वरना और भी कई लोग इसके यथोचित हक़दार थे।Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-10286377815183105422019-10-06T11:57:39.001+05:302019-10-06T11:57:39.001+05:30मैं बेबाक़ी से तो नहीं पर पर्दे में बात कहूँ तो ये ...मैं बेबाक़ी से तो नहीं पर पर्दे में बात कहूँ तो ये कोई नई भी नहीं लगभग सर्वविदित है कि गांधी को ब्रांड बनाने वाले ही शास्त्री जी के ताशकंद समझौता के समय उनकी आखिरी साँस के जिम्मेवार थे। यह आज भी रहस्य ही है।<br />आज सोशल मिडिया पर कुछ लोग अपनी कृत्यों को सेल्फ़ी से चमक कर अपनी ब्रांडिंग करते हैं, वैसे ही कोई ब्रांडिंग कर के ब्रांड बनता है और कोई गुमनाम सादगी से अपना नेककर्म कर जाता है। शास्त्री जी के नाम को ब्रांडिंग नहीं बनने देने वाले में उन्हीं लोगों का हाथ प्रतीत होता है , जिन्होंने ने उन्हें नोटों पर छोड़ कर उनकी ब्रांडिंग की है। वरना और भी कई लोग इसके यथोचित हक़दार थे।Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-19736107112373493132019-10-06T07:11:26.283+05:302019-10-06T07:11:26.283+05:30नींव को जानना व पहचानना बहुत जरूरी है. ऐसी जानकारी...नींव को जानना व पहचानना बहुत जरूरी है. ऐसी जानकारी हर किसी के पास नहीं होती.<br />आभार. <br /><br /> नये ब्लोगर को आपके उत्साहवर्धन की जरूरत है प्लीज् पधारें, नये ब्लोगर से मिलें- <a href="https://rohitasghorela.blogspot.com/2019/10/blog-post.html" rel="nofollow">अश्विनी: परिचय (न्यू ब्लोगर) </a>Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-74466700370297554142019-10-05T17:15:47.572+05:302019-10-05T17:15:47.572+05:30श्वेता जी, हौसला अफजाई का शुक्रिया श्वेता जी, हौसला अफजाई का शुक्रिया गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-73773868889620471812019-10-05T15:44:43.811+05:302019-10-05T15:44:43.811+05:30बेबाकी से कहे तो गाँधी जी का आभामंडल शास्त्री जी क...बेबाकी से कहे तो गाँधी जी का आभामंडल शास्त्री जी के व्यक्तित्व को ढक लेता है हर बार।<br />गाँधीजी एक नाम नहीं,विचार नही अपितु एक ब्रांड की तरह प्रयोग किये जाते हैंं जिसकी गुणवत्ता की सौ फीसदी गारंटी है।<br />बहुत अच्छा लिखा है आपने सर।<br />सादर।<br /><br /><br />अच्छा लेख है।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-62759800971859771492019-10-05T15:41:22.821+05:302019-10-05T15:41:22.821+05:30यशोदा जी, हार्दिक आभार यशोदा जी, हार्दिक आभार गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-20374276744029249782019-10-05T14:53:23.309+05:302019-10-05T14:53:23.309+05:30आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द&qu...<i><b> आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में रविवार 06 अक्टूबर 2019 को साझा की गयी है.........<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow"> पाँच लिंकों का आनन्द पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com