tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post5222202684842551529..comments2024-03-29T03:30:17.212+05:30Comments on कुछ अलग सा: क्या भगवा रंग शापित है बदनाम होने के लिए ?गगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-10193756433845171762011-05-21T11:39:26.628+05:302011-05-21T11:39:26.628+05:30गगन जी
'सफ़ेद पोश' के बाद 'भगवा पोश&#...गगन जी <br />'सफ़ेद पोश' के बाद 'भगवा पोश' ... अरे नहीं बदरंग नहीं होने देना इस रंग को. आप और हम इस केसरिया बाने की गाथाएँ आज की पीढी को सुनाएँ तो इस रंग से घटता मोह थम जाएगा.. वैसे जिसके मन कलुषता लिये हों उनपर किसी रंग का असर नहीं होता फिर भी रंग तो सभी बदनाम हो रहे हैं.... नील वर्ण के श्रीराम, कृष्ण और अब आपका नीलगगन ..... क्या मायावती के नीलिमामाय हो जाने से बदरंग कहलायेगा? .... नहीं ना!प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-80500591435584194152011-05-21T08:37:54.034+05:302011-05-21T08:37:54.034+05:30भगवा अब ग्लैमर का रूप अख्तियार कर लिया है, क्या ...भगवा अब ग्लैमर का रूप अख्तियार कर लिया है, क्या कहें.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-37272365180419018502011-05-20T23:56:05.820+05:302011-05-20T23:56:05.820+05:30जिस तरह से खद्दर के वस्त्र पहन भर लेने से कोई व्यक...जिस तरह से खद्दर के वस्त्र पहन भर लेने से कोई व्यक्ति सच्चा-जनसेवी नहीं बन जाता है उसी तरह से साधुओं जैसा मेकअप कर लेने से व्यक्ति चरित्रवान नहीं बन जाता है। धर्म और राजनीति का रिस्ता चोली और दामन जैसा रहा है। धर्म और चरित्र दोनों की प्रकृति अलग-अलग है। यदि ध्रर्म व्यक्ति को चरित्रवान बनाता तो विभिन्न धर्मों में परस्पर संघर्ष न होते और न सांप्रदायिक इकाईयों के अलग-अलग धड़ों में परस्पर टकराव होते। कोई भी धर्म न ही अपने समस्त अनुयायियों के चारित्रिक शुद्धता का दावा कर सकता है।डॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-76094587431568986502011-05-20T20:42:00.958+05:302011-05-20T20:42:00.958+05:30विश्वास और आस्था का क्रूर मजाक उड़ाया जा रहा है ...विश्वास और आस्था का क्रूर मजाक उड़ाया जा रहा है .............दुखद हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-37911156524569984222011-05-20T20:05:40.378+05:302011-05-20T20:05:40.378+05:30ऐसे लोग किसी भी रंग में हो सकते हैं, और किसी भी रं...ऐसे लोग किसी भी रंग में हो सकते हैं, और किसी भी रंग को बदरंग कर सकते हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com