tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post4550757040860957516..comments2024-03-28T11:13:49.811+05:30Comments on कुछ अलग सा: श्रीकृष्णजी ने अर्जुन को दो बार गीता का उपदेश दिया थागगन शर्मा, कुछ अलग साhttp://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-68777046152525251262016-09-19T11:57:08.090+05:302016-09-19T11:57:08.090+05:30नमस्कार जी.
अनुगीता का कोई पुस्तक, टीका ग्रंथ, प्...नमस्कार जी.<br /><br />अनुगीता का कोई पुस्तक, टीका ग्रंथ, प्रवचन आदि उपलब्ध हई कया? मुझे पाता भेज देते तो माई आभारी रहुङा.<br /><br />शिरिष कुमार लहाडे. अहमदनगर<br />9890698788Shirish Lahadehttps://www.blogger.com/profile/00530146330453860887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-2972527888528231902011-06-21T17:03:34.958+05:302011-06-21T17:03:34.958+05:30गीता को लिखा तो बाद में गया होगा। यह तो श्रीकृष्णज...गीता को लिखा तो बाद में गया होगा। यह तो श्रीकृष्णजी का एक तरह से मार्गदर्शन था अपने प्रिय सखा अर्जुन के लिए जो उन्होंने पहली बार युद्ध भूमि मे कर्त्वय विमुख होते देख दिया था। रण-क्षेत्र में गहरे तनाव के बीच उसका पूरा भाव ग्रहण ना कर पाने के कारण अर्जुन की प्रार्थना पर प्रभू ने युद्धोपरांत फिर एक बार वही उपदेश दोहराया था। ऐसा वर्णन मिलता है जैसा सौरभजी भी अनुमोदन कर रहे हैं।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-10091628724639882582010-11-23T22:50:54.314+05:302010-11-23T22:50:54.314+05:30wese 1 bar hi gita likhi gai hai.....agr dusri ba...wese 1 bar hi gita likhi gai hai.....agr dusri bar gita likhi jati toh gita ke pat me 36 pat hote hai............Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-64567610280893525292010-07-03T23:30:17.974+05:302010-07-03T23:30:17.974+05:30Thank you for this information about our religion....Thank you for this information about our religion. Thank's a lot....Nirmal sv pattnaikhttp://asdfghjklnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-25913676729770173252010-01-12T16:46:23.367+05:302010-01-12T16:46:23.367+05:30ANUGEETA KA BARE ME JAN KAR ACCHHA LAGAANUGEETA KA BARE ME JAN KAR ACCHHA LAGAGEETAMnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-5142769527887989652010-01-12T16:44:05.111+05:302010-01-12T16:44:05.111+05:30mje aj pata chala he ki geeta ke bad khi gayi geet...mje aj pata chala he ki geeta ke bad khi gayi geeta anugeeta ke nam se jani jati haiGEETAM JURELhttps://www.blogger.com/profile/13408714497702324677noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-28441014672562257012009-09-14T06:47:55.527+05:302009-09-14T06:47:55.527+05:30गीता और अनुगीता की यह अलग सी जानकारी आपके ब्लॉग के...गीता और अनुगीता की यह अलग सी जानकारी आपके ब्लॉग के नाम को सार्थक कर रही है.. कुछ अलग सा ...<br />इस अमूल्य जानकारी के लिए बहुत आभार ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-81366163518396822012009-09-14T06:23:34.508+05:302009-09-14T06:23:34.508+05:30नयी जानकारी । प्रविष्टि मूल्यवान है । आभार ।नयी जानकारी । प्रविष्टि मूल्यवान है । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-34864814374150957942009-09-14T02:57:13.561+05:302009-09-14T02:57:13.561+05:30बहुत बहुत धन्यवाद हमें इस बारे में जानकारी ही नहीं...बहुत बहुत धन्यवाद हमें इस बारे में जानकारी ही नहीं थी। मुझे क्या शायद बहुतों को इस बारे में जानकारी नहीं होगी।Nitish Rajhttps://www.blogger.com/profile/05813641673802167463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-8519729357366955032009-09-14T00:28:57.446+05:302009-09-14T00:28:57.446+05:30बिल्कुल सही लिखा आपने......किन्तु इस बात से हम भी ...बिल्कुल सही लिखा आपने......किन्तु इस बात से हम भी आज तक विस्मित हैं कि मूल गीता की भान्ती ही यह अनुगीता भी समाज की दृ्ष्टि में क्यों नहीं आ पाई?। किस कारणवश इसका कहीं विशेष उल्लेख नहीं मिलता?Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-47962884828093225692009-09-13T23:58:00.847+05:302009-09-13T23:58:00.847+05:30सुब्रमनियन जी,
जो जानकारी मुझे मिलती है उसे बांटने...सुब्रमनियन जी,<br />जो जानकारी मुझे मिलती है उसे बांटने की कोशिश करता हूं। आपने तो बहुत ही बड़ी बात कह दी। <br />वैसे आजकल आप कहीं भ्रमण पर हैं या कोई और बात है, काफी दिनों से इंतजार है। आशा है स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे। स्नेह बना रहे यही आकांक्षा है।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-91733730038830348612009-09-13T23:22:10.722+05:302009-09-13T23:22:10.722+05:30शर्मा जी आप ने बहुत अच्छी जानकारी दी, मेने तो आज ह...शर्मा जी आप ने बहुत अच्छी जानकारी दी, मेने तो आज ही जाना इस गीता के बारे.<br />आप का धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-72803108075796344052009-09-13T21:46:46.178+05:302009-09-13T21:46:46.178+05:30इस बारे में हम अबोध थे. आपने श्रीकृष्णजी जैसा काम ...इस बारे में हम अबोध थे. आपने श्रीकृष्णजी जैसा काम किया. आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-19024988616756777062009-09-13T21:43:46.272+05:302009-09-13T21:43:46.272+05:30दूसरी बार कही गयी गीता को "अनुगीता" के न...दूसरी बार कही गयी गीता को "अनुगीता" के नाम से जाना जाता है, यानि बाद की गीता। <br /><br />आपने बिल्कुल सही लिखा है।<br />आभार!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-8857430540615319992009-09-13T21:39:01.308+05:302009-09-13T21:39:01.308+05:30इस अच्छी जानकारी के लिए आभार. इस बिषय में महाभारत ...इस अच्छी जानकारी के लिए आभार. इस बिषय में महाभारत (अश्वमेघ पर्व) के सोलवे अध्याय के श्लोक क्रमांक १ से १५ तक अर्जुन कथित यह वर्णन आया है की वह युद्घ समय पर दिए गए गीता ज्ञान को भूल गए है. वह कहते है ---"युद्घ समय पर आपने जो मेरा प्रिय करके जो उपदेश मुझे दिया था, वह बुद्धि-दोष के कारण मैं भूल गया हूँ तथा फिर से सुनना चाहता हूँ". श्री कृष्ण ने यहाँ पर उत्तर दिया है की --"मैंने उस समय अत्यंत गूढ़ बिषय और नित्य लोको का वर्णन किया था. तुमने उसे स्मरण नहीं रखा, इसका मुझे खेद है. उस समय मैंने जो उपदेश दिया, उसकी इस समय मुझे याद नहीं है. तुम बहुत भुलक्कड़ और श्रद्धाहीन जान पड़ते हो." एक कथा के माध्यम से श्री कृष्ण ने फिर काफी कुछ अर्जुन को बतलाया भी था.सौरभ कुदेशियाhttps://www.blogger.com/profile/04558758968386273265noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-18910525437579915102009-09-13T21:34:49.503+05:302009-09-13T21:34:49.503+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.सौरभ कुदेशियाhttps://www.blogger.com/profile/04558758968386273265noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-84300799111940460852009-09-13T21:34:47.037+05:302009-09-13T21:34:47.037+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.सौरभ कुदेशियाhttps://www.blogger.com/profile/04558758968386273265noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-71350685433260022832009-09-13T21:11:35.043+05:302009-09-13T21:11:35.043+05:30यह जानकारी तो पहली बार प्राप्त हुई ! आभार !यह जानकारी तो पहली बार प्राप्त हुई ! आभार !Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-25266152100751652322009-09-13T21:06:30.592+05:302009-09-13T21:06:30.592+05:30आपको हिन्दी में लिखता देख गर्वित हूँ.
भाषा की से...आपको हिन्दी में लिखता देख गर्वित हूँ. <br /><br />भाषा की सेवा एवं उसके प्रसार के लिये आपके योगदान हेतु आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ.संजय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/12255878761091728878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-76578524200674030872009-09-13T20:03:32.170+05:302009-09-13T20:03:32.170+05:30इस जानकारी के लिए आभार। यह एक आश्चर्य ही है कि इस ...इस जानकारी के लिए आभार। यह एक आश्चर्य ही है कि इस अनुगीता का कोई ज़िक्र विद्वान क्यों नहीं करते!!!!चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4965594300150482608.post-86861272577068129042009-09-13T19:03:37.468+05:302009-09-13T19:03:37.468+05:30shukriya!!!
nai geeta gyan ke liyeshukriya!!!<br />nai geeta gyan ke liyeमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.com