शुक्रवार, 11 जुलाई 2014

क्या वह सिर्फ संयोग था ?


क्योंकि इन सब घटनाओं की शुरुआत साधना के बंगले से हुई थी, इसलिए इस सब से घबड़ा कर साधना और उनके परिवार ने उस बंगले को ही बेच डाला।

भूत-प्रेत होते हैं कि नहीं इस पर अच्छी-खासी बहस छिड़ सकती है. पर जब कोई समाज में स्थापित और प्रतिष्ठित हस्ती उस के पक्ष में बात करे तो सोचने की बात हो जाती है।  अपने समय की मशहूर फ़िल्म अभिनेत्री साधना ने एक बार एक घटना का जिक्र किया था. उनके अनुसार, 

पाली हिल पर उनका बंगला हुआ करता था. एक दिन उनके ड्रायवर ईश्वरसिंह ने झिझकते हुए उन्हें बताया कि उसने रात में बंगले में एक अौरत को लॉन में टहलते देखा और साथ ही तरह-तरह की अजीब सी आवाजें भी सुनी. साधना ने यह सब एक वहम समझ कर बात टाल दी. पर कुछ दिनों के बाद उनके यहां मशहूर लेखक श्री अर्जुन देव 'रश्क' का आ कर ठहरना हुआ. रात को लेखन कार्य करते समय उन्हें भी कुछ वैसा ही अनुभव हुआ जिसे सुबह उन्होंने साधना को बताया. तब उन्हें लगा कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है. वैसे उन्हें या उनके परिवार के किसी सदस्य को उस समय तक कोई परेशानी या नुक्सान नहीं हुआ था. पर उन्हीं दिनों जब उन्होंने एक नयी कार खरीदी तब रोज नयी परेशानियां सामने आने लगीं, तकरीबन रोज ही भरवाने के बावजूद पेट्रोल की टंकी खाली रहने लगी तो उन्होंने वह कार बेच डाली।  

बाद में उन्हें पता चला कि जो "कुछ" भी उनके यहां था वह कार के साथ ही लगा रहा. जिसने कार खरीदी थी उसे तरह-तरह की घटनाओं से दो-चार होना पड़ने लगा. हर चीज में नुक्सान होने लगा, यहां तक कि उसे अपने आप को दिवालिया घोषित करना पड़ा. तंग आ कर उसने किसी और को वह कार बेच दी. जिसने इस बार खरीदी, कुछ दिनों के अंदर ही उसके पिता की मृत्यु हो गयी. उसने भी डर कर वह कार एक अस्तबल के मालिक को बेच दी. इस बार तो हादसा और भी भयंकर रहा, खरीदने वाले के अस्तबल में आग लग गयी और उसके रेस में दौड़ने वाले कई घोड़े जल कर मर गये. कार का इतिहास जान उसने भी एक तस्कर को कार सौंप अपना पिंड छुड़ाया। पर उस  बला ने कार का पिंड नहीं छोड़ा. हफ्ते भर के अंदर ही वह कार लाखों के सामान के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ गयी.                       
क्योंकि इन सब घटनाओं की शुरुआत साधना जी के बंगले से हुई थी, इसलिए इस सब से घबड़ा कर साधना और उनके परिवार ने उस बंगले को भी बेच डाला। किसी फ़िल्म की कहानी रूपी इस सच्चाई का संबंध यदि उन जैसे मशहूर व्यक्तित्व से नहीं होता तो शायद कोई इन सारी बातों पर विश्वास भी नहीं करता।                       

2 टिप्‍पणियां:

HARSHVARDHAN ने कहा…

बड़ा ही रोचक वाकया प्रस्तुत किया आपने, सादर आभार आपका।

HARSHVARDHAN ने कहा…

बड़ा ही रोचक वाकया प्रस्तुत किया आपने, सादर आभार आपका।

विशिष्ट पोस्ट

विलुप्ति की कगार पर पारंपरिक कलाएं, बीन वादन

आए दिन कोई ना कोई कलाकार, स्टैंडिंग कॉमेडियन या कोई संस्था अपने साथ कुछ लोगों को साथ ले विदेश में कार्यक्रमों का आयोजन करते रहते हैं, ऐसे लो...