शनिवार, 4 सितंबर 2010

एक मंदिर जहां राजा का आना वर्जित है.

नेपाल में विष्णु भगवान का एक ऐसा मंदिर है जिसमें वहां के राजा को भी प्रवेश की मनाही है। जिसका कारण राजा खुद है।

राजधानी काठमांड़ू से नौ कि.मी. दूर भगवान विष्णु की करीब 12 फुट लम्बी लेटी हुई अवस्था में एक मूर्ती पानी के कुंड़ में स्थापित है। जिसे बूढा नीलकंठ के नाम से जाना जाता है। इसकी रोज विधिवत पूजा अर्चना होती है पर यहां नेपाल के राजा और उनके परिवार का आना वर्जित है।
कहते हैं कि 17वीं शताब्दी में राजा प्रतापमल्ल रोज भगवान के दर्शन करने हनुमान ढोका स्थित अपने महल से यहां आया करते थे। फिर उन्हें रोज नौ-दस कि.मी. आना-जाना असुविधाजनक लगने लगा तो उन्होंने नीलकंठ भगवान की एक प्रतिमूर्ती अपने महल में स्थापित करवा ली। इससे भगवान नाराज हो गये और उन्होंने राजा को श्राप दे दिया कि अब से तुम या तुम्हारा कोई भी उत्तराधिकारी यदि बूढा नीलकंठ हमारे दर्शन करने आएगा तो वह मृत्यु को प्राप्त होगा। तब से आज तक राजपरिवार का कोई भी सदस्य वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है।

भगवान विष्णु के इसी स्वरूप की एक और मूर्ती राजधानी के निकट बालाजू उद्यान में भी स्थित है जो पहली मूर्तियों से अपेक्षाकृत कुछ छोटी है। राजपरिवार के सदस्य यहां दर्शन करने जाते हैं। नवम्बर माह में यहां बड़ा भारी मेला लगता है जहां दूर-दूर से लोग अपनी मनौतियां ले कर आते हैं। इस मंदिर की भी काफी मान्यता है।

2 टिप्‍पणियां:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत रोचक जानकारी मिली, आभार.

रामराम.

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

वाह बढिया जानकारी दी शर्मा जी आपने
आभार

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