सोमवार, 20 जुलाई 2009

हँसी आए तो बताईयेगा ( - :

आज तुलसीदासजी जिंदा होते तो अद्भुत होते।
हां भाई सही कह रहे हो, चार सौ साल का बुढ्ढा व्यक्ति अद्भुत ही होता।
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बेटे दूध नहीं पीएगा तो अफसर नहीं बन पाएगा। चल दूध पी ले।
पर मम्मी मैने तो आज तक किसी गाय या भैंस के बच्चे को अफसर बनते नहीं देखा।
वे तो रोज अपनी मां का दूध पीते हैं।

8 टिप्‍पणियां:

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

bahut hasi aayi . kya badiya hae dono

Udan Tashtari ने कहा…

हा हा, लालू माया को बच्चा पहचान नहीं पाया...बच्चा ही तो है.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

पढ़कर हँसी आ ही गयी।
हा...हा...हा....।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

:) मजेदार.

रामराम.

रंजन ने कहा…

हा हा..

P.N. Subramanian ने कहा…

आजकल के बच्चे! हँसी आ गयी.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

हा-हा-हा

Chetan ने कहा…

Majedar, dono hi 2 much hai.

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