कहते हैं कि ईश्वर हर जगह मौजूद नहीं रह सकता था इसीलिये उसने माँ की रचना की। पर यह उसकी एकमात्र रचना है, जो अपने रचयिता से भी महान हो गयी। क्योंकि :-
प्रभू सर्वव्यापक है। माँ भी है।
वह दया का सागर है। माँ भी है।
वह पालनकर्ता है। माँ भी है।
वह सुखदाता है। माँ भी है।
वह दुखहर्ता है। माँ भी है।
वह हमसाया है। माँ भी है।
वह सबके भोजन का प्रबंध करता है। माँ भी करती है।
परंतु :-माँ अपने शरीर का अंग काट कर रचना करती है।
माँ खुद भूखी रह कर बच्चों के खाने का प्रबंध करती है।
माँ खुद गीले में रह बच्चों को सुख की नींद देती है।
माँ खुद जाग-जाग कर तिमारदारी करती है।
माँ सपने में भी अपने बच्चों को कष्ट देने का नहीं सोच सकती।
मां कभी भी अपने किए का सिला नहीं चाहती।
मां तन-मन-धन से बच्चों के लिये न्योछावर रहती है।
माँ बच्चों पर विपत्ती आने पर अपनी जान की भी परवाह नहीं करती।
सबसे बड़ी बात प्रभू को भी माँ की जरूरत पड़ती है। वह भी समय-समय पर माँ के स्नेह, वात्सल्य, प्रेम, ममता को पाने के लिये अपने आप को रोक नहीं पाता।
और अंत में :- दुनिया में अनगिनत लोग हैं जो ईश्वर के अस्तित्व को नकारते हैं पर एक भी प्राणी ऐसा नहीं मिलेगा जो माँ के वजूद से इंकार कर सके।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
सफलता जोश से मिलती है, रोष से नहीं
ट्रक ड्राइवर ब्लॉगर राजेश रवानी आज जहां अपने ब्लॉग से अच्छी-खासी आमदनी कर रहे हैं वहीं कांग्रेस का कुंठित मानस पुत्र जो इंजीनिरिंग करने के...
-
शहद, एक हल्का पीलापन लिये हुए बादामी रंग का गाढ़ा तरल पदार्थ है। वैसे इसका रंग-रूप, इसके छत्ते के लगने वाली जगह और आस-पास के फूलों पर ज्याद...
-
आज हम एक कोहेनूर का जिक्र होते ही भावनाओं में खो जाते हैं। तख्ते ताऊस में तो वैसे सैंकड़ों हीरे जड़े हुए थे। हीरे-जवाहरात तो अपनी जगह, उस ...
-
कल रात अपने एक राजस्थानी मित्र के चिरंजीव की शादी में जाना हुआ था। बातों ही बातों में पता चला कि राजस्थानी भाषा में पति और पत्नी के लिए अलग...
-
चलती गाड़ी में अपने शरीर का कोई अंग बाहर न निकालें :) 1, ट्रेन में बैठे श्रीमान जी काफी परेशान थे। बार-बार कसमसा कर पहलू बदल रहे थे। चेहरे...
-
हनुमान जी के चिरंजीवी होने के रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए पिदुरु के आदिवासियों की हनु पुस्तिका आजकल " सेतु एशिया" नामक...
-
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। हमारे तिरंगे के सम्मान में लिखा गया यह गीत जब भी सुनाई देता है, रोम-रोम पुल्कित हो जाता ...
-
"बिजली का तेल" यह क्या होता है ? मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि बिजली के ट्रांस्फार्मरों में जो तेल डाला जाता है वह लगातार &...
-
युवक अपने बच्चे को हिंदी वर्णमाला के अक्षरों से परिचित करवा रहा था। आजकल के अंग्रेजियत के समय में यह एक दुर्लभ वार्तालाप था सो मेरा स...
-
अपनी एक पुरानी डायरी मे यह रोचक प्रसंग मिला, कैसा रहा बताइयेगा :- काफी पुरानी बात है। अंग्रेजों का बोलबाला सारे संसार में क्यूं है? क्य...
-
कहते हैं कि विधि का लेख मिटाए नहीं मिटता। कितनों ने कितनी तरह की कोशीशें की पर हुआ वही जो निर्धारित था। राजा लायस और उसकी पत्नी जोकास्टा। ...
5 टिप्पणियां:
मां तूने दिया हमको जन्म
तेरा हम पर अहसान है
आज तेरे ही करम से
हमारा दुनिया में नाम है
हर बेटा तुझे आज
करता सलाम है
वो पूजते हा पत्थर मैं इंसान पूजता हूँ ..
मेरी माँ है सबसे पहले लिल्लाह खुदाओं में ...
बधाई
अर्श
मातृ दिवस पर समस्त मातृ-शक्तियों को नमन एवं हार्दिक शुभकामनाऐं.
माँ की महिमा अपरम्पार
हमारी मान को तो हमने चार दिन पहले ही बधाई दे दी थी.लेकिन भैय्या यह तो कोई बताये की पिता का दिन कब आएगा.
एक टिप्पणी भेजें