मंगलवार, 2 दिसंबर 2008

आप तो जानते हैं इन नेताओं को

बहुत सारे नेताओं को ले जाती एक लग्जरी बस का एक गांव के पास एक्सीडेंट हो गया। मौका-ए-वारदात पर पुलिस के पहुंचते-पहुंचते ग्रामिणों ने सब को दफना दिया था। तहकिकात करते हुए जब इंस्पेक्टर ने गांव वालों से पूछा - क्यों भाई कोई भी जिंदा नहीं बचा था क्या? तो एक गांव वाला बोला, कुछ लोग बोल तो रहे थे कि हम जिंदा हैं। पर सरकार आप तो जानते ही हो कि ये नेता लोग कितना झूठ बोलते हैं। सो---------------------

9 टिप्‍पणियां:

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: ने कहा…

अरे कहाँ नेताओं के गडे मुर्दों को उखाड़ रहें हैं ,तुंरत फ़िर से दफ़न कर दें वरना आप के पास केवल एक ही अलग सा है ; नेता सब को अलग-अलग ही कर देगा [
बंधू ब्लोगास्ते

Satish Saxena ने कहा…

वाकई में कुछ अलग सा !

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

हमेशा की तरह अलग सा

P.N. Subramanian ने कहा…

अच्छी ऐसी की तैसी की

राज भाटिय़ा ने कहा…

मुझे तो यह मेरा ताऊ ही लगा, यह काम तो ताऊ ही कर सकता है, लेकिन मजा आ गया, काश ऎसा ही हो.
धन्यवाद

Anil Pusadkar ने कहा…

सच मे अलग-सा है।

Anil Pusadkar ने कहा…

सच मे अलग-सा है।

डॉ .अनुराग ने कहा…

सच मे अलग-सा है।

Shastri JC Philip ने कहा…

वाह, चार पंक्तियों का चुटकुला, लेकिन चार सौ वाक्यों की ताकत.

इतना ही नहीं, चाहे कल्पना ही हो, लेकिन पढ कर मजा आ गया कि कोई तो इन को दफनाने के लिये कमर कस कर बैठा है.

खाश हमारे गांव के आसपास कहीं होता तो दो बार दफना देते !!

सस्नेह -- शास्त्री

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