सोमवार, 25 अगस्त 2008

कौन है ये ?

हर आधे सैकेंड मे इसका जन्म होता है। दुनियाभर मे इसकी गिनती हर रोज करीब 180000 हो जाती है। हर चार महिने में इसकी संख्या दुगनी हो जाती है। तीन साल में इसका कद सौ गुना हो गया है। लगभग दो सौ मिलियन लोग इससे जुडे हुए हैं। हर सैकेंड करीब बीस लोग इससे बात करते हैं। इसकी लोकप्रियता का आलम यह है कि टाइम मैग्जीन ने सदियों की परम्परा तोडते हुए 2006 की "पर्सनेलिटी आफ़ द ईयर" के सम्मान से किसी व्यक्ति को नहीं इसे नवाजा है। भारत में भी इससे जुडने वालों को अवार्ड दिया जाता है। विक्टोरिया बेकहेम और टोरी स्पेलिंग जैसी नामी हस्तियां अपने कार्यक्रमों का प्रचार करने के लिए इसका सहारा लेती हैं। टेक्नोरेटी रिसर्च फ़र्म के डेविड सिफ़्री के अनुसार यह समकालीन मुद्दों पर बहस के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं अमेरिका में रेडिओ शो के प्रस्तोता मार्क एडवर्ड अपना ढ़ेर सा समय इसको देते हैं जिससे रेडिओ को कुछ नया दिया जा सके।
जी हाँ, आपने ठीक पहचाना, इसीका नाम "ब्लाग" है।

2 टिप्‍पणियां:

Anwar Qureshi ने कहा…

एक महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आप का शुक्रिया ..

राज भाटिय़ा ने कहा…

धन्यवाद, अंदाज पसंद आया

विशिष्ट पोस्ट

विडंबना या समय का फेर

भइया जी एक अउर गजबे का बात निमाई, जो बंगाली है और आप पाटी में है, ऊ बोल रहा था कि किसी को हराने, अलोकप्रिय करने या अप्रभावी करने का बहुत सा ...